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यमुनोत्तरी का अर्थ

यमुनोत्तरी अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. उस समय ये अन्य नामों से जानी जाती थीं जैसे अरिकरी ( चिनाब) पुरूष्णी (रावी), अरिजिकिया (ब्यास) तथा शतदुई (सतलुज) पांचवी नदी यमुना जो यमुनोत्तरी से निकलती है उसका सूर्य देव से पौराणिक संबंध दर्शाया जाता है।
  2. मौसम के बदलाव पर वैज्ञानिकों ने यमुनोत्तरी क्षेत्र के ग्लेशियरों के पिघलने की बात की थी लेकिन उसे एक तरह से अनसुना कर दिया क्योंकि इससे बड़े बान्ध की लॉबी के मन्सूबे पूरे नहीं होने वाले थे।
  3. अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हीमगारों और हिंम मंडित कंदराओं में अप्रकट रुप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रतापूर्वक उतरती हुई इसकी धारा यमुनोत्तरी पर्वत ( २०,७३१ऊँचाई फीट) से प्रकट होती है।
  4. अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हीमगारों और हिंम मंडित कंदराओं में अप्रकट रुप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रतापूर्वक उतरती हुई इसकी धारा यमुनोत्तरी पर्वत ( २०,७३१ऊँचाई फीट) से प्रकट होती है।
  5. इसके साथ ही यमुनोत्तरी धाम आनेवाले संत , महंत , मंडलेश्वर , महामंडलेश्वर , पर्यटक , सैलानी तथा दर्शनार्थियों को भोजन और ठहरने की उचित व्यवस्था तथा यमुनोत्तरी के आध्यात्मिक , पौराणिक तथा भौगोलिक परिवेश का दिग्दर्शन कराना है।
  6. इसके साथ ही यमुनोत्तरी धाम आनेवाले संत , महंत , मंडलेश्वर , महामंडलेश्वर , पर्यटक , सैलानी तथा दर्शनार्थियों को भोजन और ठहरने की उचित व्यवस्था तथा यमुनोत्तरी के आध्यात्मिक , पौराणिक तथा भौगोलिक परिवेश का दिग्दर्शन कराना है।
  7. अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हिमगारों और हिंम मंडित कंदराओं में अप्रकट रूप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रता पूर्वक उतरती हुई इसकी धारा यमुनोत्तरी पर्वत 20 , 731 फीट ऊँचाई से प्रकट होती है।
  8. अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हिमगारों और हिंम मंडित कंदराओं में अप्रकट रुप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रता पूर्वक उतरती हुई इसकी धारा यमुनोत्तरी पर्वत 20 , 731 फीट ऊँचाई से प्रकट होती है।
  9. यमुनोत्तरी पर्वत से निकलकर यह नदी अनेक पहाड़ी दराç और घाटियों में गर्जन-तर्जन के साथ प्रवाहित होती हुई तथा वदियर , कमलाद, वदरी अस्लौर जैसी छोटी और तोंस जैसी बड़ी पहाड़ी नदियों को अपने अंचल में समेटती हुई आगे बढ़ती है।
  10. यमुनोत्तरी पर्वत से निकलकर यह नदी अनेक पहाड़ी दराç और घाटियों में गर्जन-तर्जन के साथ प्रवाहित होती हुई तथा वदियर , कमलाद, वदरी अस्लौर जैसी छोटी और तोंस जैसी बड़ी पहाड़ी नदियों को अपने अंचल में समेटती हुई आगे बढ़ती है।
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