युधाजित का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ‘ कुछ दिनों बाद केकय देश के राजा युधाजित ने अंगिरा के पुत्र , गर्गहोत्री ब्रह्मर्षि और परम प्रतापी अपने गुरु को अयोध्या भेजा।
- महारज दशरथ ने युधाजित का समुचित सत्कार किया और उन्हें सारा वृत्तान्त सुनाया फिर उन्हें लेकर ऋषियों , मन्त्रियों एवं बन्धु-बान्धवों सहित यज्ञशाला के द्वार पर पहुँचे।
- पिता के आदेशानुसार भरत और शत्रुघ्न ने अपनी माताओं तथा राम और लक्ष्मण से विदा लेकर अपने मामा युधाजित के साथ कैकेय देश के लिये प्रस्थान किया।
- पिता के आदेशानुसार भरत और शत्रुघ्न ने अपनी माताओं तथा राम और लक्ष्मण से विदा लेकर अपने मामा युधाजित के साथ कैकेय देश के लिये प्रस्थान किया।
- जब श्री भरत जी के मामा युधाजित श्री भरत जी को अपने साथ ले जा रहे थे , तब श्री शत्रुघ्न जी भी उनके साथ ननिहाल चले गये।
- पिता से आदेश पाकर भरत ने शत्रुघ्न सहित अपनी माताओं तथा राम और लक्ष्मण से विदा लेकर अपने मामा युधाजित के साथ कैकेय देश के लिये प्रस्थान किया।
- महारज दशरथ ने युधाजित का समुचित सत्कार किया और उन्हें सारा वृत्तान्त सुनाया फिर युधाजित को लेकर ऋषियों , मन्त्रियों एवं बन्धु-बान्धवों सहित यज्ञशाला के द्वार पर पहुँचे।
- महारज दशरथ ने युधाजित का समुचित सत्कार किया और उन्हें सारा वृत्तान्त सुनाया फिर युधाजित को लेकर ऋषियों , मन्त्रियों एवं बन्धु-बान्धवों सहित यज्ञशाला के द्वार पर पहुँचे।
- राजकुमारों को राजप्रासाद में रहते कुछ दिन आनन्दपूर्वक व्यतीत हो जाने पर महाराज दशरथ ने भरत को बुलाकर कहा , “वत्स! तुम्हारे मामा युधाजित को आये हुये पर्याप्त समय हो गया है।
- विवाह : दानादि से निवृत होकर जब महाराज दशरथ मिथिलेश के राजभवन में जाने की तैयारी कर रहे थे तभी भरत के मामा अर्थात् राजा कैकेय के पुत्र युधाजित वहाँ आ पहुँचे।