युवनाश्व का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मत्स्य और ब्रह्म पुराणों में श्रावस्त या श्रावस्तक को युवनाश्व का पुत्र और अद्र का पौत्र कहा गया है।
- मत्स्य और ब्रह्म पुराणों में श्रावस्त या श्रावस्तक को युवनाश्व का पुत्र और अद्र का पौत्र कहा गया है।
- [ 31] मत्स्य [32] और ब्रह्म पुराणों [33] में श्रावस्त या श्रावस्तक को युवनाश्व का पुत्र और अद्र का पौत्र कहा गया है।
- पूत्रेष्ठियज्ञ के हवियुक्त मंत्रपूत जल को प्यास में भूल से पी लेने के कारण युवनाश्व को गर्भ रह गया जिसे ऋषियों ने उसका पेट फाड़कर निकाला।
- 1 मनु | इक्ष्वाकु | विकुक्षि-शशाद | कुकुत्स्थ | अनेनस् | पृथु | विष्टराश्व | आर्द्र | युवनाश्व | श्रावस्त | 11 बृहदश्व | कुवलाश्व | दृढाश्व | प्रमोद | हरयश्व |
- शत्रुघ्न द्वारा पूरा विवरण पूछे जाने पर महर्षि ने बताया , “हे राजन्! पूर्वकाल में महाराजा युवनाश्व के पुत्र महाबली मान्धाता ने स्वर्ग विजय की इच्छा से देवराज इन्द्र को युदध के लिये ललकारा।
- शशाद - काकुत्स्थ के पुत्र- अनेना- के पुत्र - पृथु के पुत्र विष्टराश्व के पुत्र आर्द्र के पुत्र युवनाश्व के पुत्र श्रावस्त / श्रावस्ती इन्होने ही बसाया / श्रावस्त के पुत्र - ब्रिहद्श्व के पुत्र कुवलाश्व हु ए.
- ब्रा . ५-१४. वैवस्वत मनु इक्ष्वाकु, विकुक्षि (शाशाद) पुरंजय (कुकुत्थ) अनेनस (५) पृथु विष्टराश्व, आर्द्र, युवनाश्व प्रथम, श्रीवस्त (१०) वृहदश्व, कुवलयाश्व दृढाश्व, प्रमोद, हर्यश्व (१५) निकुम्भ, संहताश्व, अकृशशाश्व, प्रसेनजित्, युवनाश्व (दूसेर २०), मान्धातृ, पुरुस्त, त्रसदस्यु, सम्भत, रुसक, (२५) वृक, ऋत, नाभाग, अम्बरीष् सिन्दु द्वीप (३०) शतरथ, विश्वशर्मन, विश्वसह (प्रथम) दिलीप, खष्टांग, दीर्घवाह (३५) रघु, अज, दशरथ, राम (३९).
- ब्रा . ५-१४. वैवस्वत मनु इक्ष्वाकु, विकुक्षि (शाशाद) पुरंजय (कुकुत्थ) अनेनस (५) पृथु विष्टराश्व, आर्द्र, युवनाश्व प्रथम, श्रीवस्त (१०) वृहदश्व, कुवलयाश्व दृढाश्व, प्रमोद, हर्यश्व (१५) निकुम्भ, संहताश्व, अकृशशाश्व, प्रसेनजित्, युवनाश्व (दूसेर २०), मान्धातृ, पुरुस्त, त्रसदस्यु, सम्भत, रुसक, (२५) वृक, ऋत, नाभाग, अम्बरीष् सिन्दु द्वीप (३०) शतरथ, विश्वशर्मन, विश्वसह (प्रथम) दिलीप, खष्टांग, दीर्घवाह (३५) रघु, अज, दशरथ, राम (३९).
- इक्ष्वाकु के बाद ख्याति प्राप्त करने वाली वंश परंपरा इस प्रकार चली- ककुत्स्थ , पृथु, युवनाश्व, श्रावन्तक, बृहदश्व, कुबलाश्व, दृढ़ाश्व, हर्यश्व, निकुम्भ, सेहताश्व, रणाश्व, युवनाश्व, मान्धाता, पुरुकुत्स, सम्भूत, सुधन्वा, त्रिधन्वा, तरुण, सत्यव्रत, हरिश्चंद्र (सत्यवादिता के लिए प्रसिद्ध), रोहिताश्व, वृक, बाहु, सगर, असमंजस, अंशुमान, दिलीप, भगीरथ (गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए प्रसिद्ध), नाभाग, अम्बरीष, सिन्धुद्वीप, श्रुतायु, ऋतुपर्ण, कल्माषपाद, सर्वकर्मा, अनरण्य, निघ्र, दिलीप, रघु, अज और दशरथ।