रघुनायक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- रघुनायक को अपनाने का अर्थ उस संतोष के भाव में रहना है।
- देखत रघुनायक , जन सुख दायक , सनमुख हुइ कर , जोरि रही।
- “ अजर अमर गुननिधि सुत होहु , करहु सदा रघुनायक छोहू .. ”
- रघुनायक गुण गान , सादर सुनाही ते तरही भाव सिन्धु बिना जल यान
- सींक धनुष सायक संधाना ॥४॥ ( दोहा) अति कृपाल रघुनायक सदा दीन पर नेह ।
- सुन्दरकाण्ड के अन्तमें फलश्रुति बताते हुए गोस्वामीजी लिखते हैं- सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन गान ।
- भगवान राम को तो तब पता चला ‘ चला रुधिर रघुनायक जाना , निज कर सींक बान संधाना।
- पहले और प्रत्यक्ष स्तर पर कविता के चरित नायक राम हैं - ‘ रघुनायक आगे अवनी पर नवनीत चरण ' ।
- आरती उतारती हैं वधुएं रघुनायक की . हरा भरा दीखती है सारा भूमण्डल . काँपने लगे हैं खल . खेतों खलिहानों से उड़ती हैं जीवन की लहरें , बाँचती हैं यादें एक इतिहा स.
- जब सीता जी ने ' अजर अमर गुननिधि सुत होहू, करहूँ बहुत रघुनायक छोहू' का आशीर्वाद हनुमान जी को दिया तो भी वे राम जी के निर्भर प्रेम में मगन हो गए. ' 'करहुँ कृपा प्रभु अस सुनि काना,निर्भर प्रेम मगन हनुमाना'.