राक्षस गण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मान्यता है कि प्रथम प्रहर के पश्चात राक्षस गण पृथ्वी भ्रमण पर निकलते हैं और उस दौरान की गई रतिक्रिया से उत्पन्न होने वाली संतान राक्षसों के समान ही गुण वाली होती है।
- मान्यता है कि प्रथम प्रहर के पश्चात राक्षस गण पृथ्वी भ्रमण पर निकलते हैं और उस दौरान की गई रतिक्रिया से उत्पन्न होने वाली संतान राक्षसों के समान ही गुण वाली होती है।
- शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में लगा और समस्त देवता एवं राक्षस गण गहन व्याकुलता का अनुभव करने लगे तो देवाधिदेव महादेव ने उस हलाहल का समस्त विश्व के जीवमात्र के कल्याण हेतु पान किया।
- इस माह में भगवान गणेश जो कि बुद्धि के देवता लगा और समस्त देवता एवं राक्षस गण गहन व्याकुलता का अनुभव करने लगे तो देवाधिदेव महादेव ने उस हलाहल का समस्त विश्व के जीवमात्र के कल्याण हेतु पान किया।
- यदि स्त्री-पुरुष का गण एक हो तो परस्पर अत्यंत प्रेम रहेगा , देव और मनुष्य गण में मध्यम प्रेम , मनुष्य और राक्षस गण हो तो मृत्यु , देव और राक्षसगण हो तो परस्पर कलह सदैव बना रहता है।
- जब हलाहल से निकलने वाली अग्नि से सारा विश्व दग्ध जैसा अनुभव करने लगा और समस्त देवता एवं राक्षस गण गहन व्याकुलता का अनुभव करने लगे तो देवाधिदेव महादेव ने उस हलाहल का समस्त विश्व के जीवमात्र के कल्याण हेतु पान किया।
- स्त्री-पुरुष का एक गण हो तो गुण 6 पुरुष का देवगण और कन्या का मनुष्य गण हो तो 6 , दोनों का मनुष्य राक्षसगण हो तो 0 , दोनों राक्षस गण हों तो 1 , दोनों देव मनुष्य हों तो गुण 6 , इसके विपरीत गण हो तो 1 तथा शत्रुता से 0 समझना।
- वर , कन्या का गण समान हो तो 6 गुण, वर का देव तथा कन्या का मानव गण हो तो 6 गुण , कन्या का देव तथा वर का मानव गण हो तो 5 गुण ,कन्या का देव तथा वर का राक्षस गण हो तो 1 गुण ,कन्या का राक्षस तथा वर का देव गण हो या एक का मानव व दूसरे का राक्षस गण हो तो 0 गुण मिलता है |
- वर , कन्या का गण समान हो तो 6 गुण, वर का देव तथा कन्या का मानव गण हो तो 6 गुण , कन्या का देव तथा वर का मानव गण हो तो 5 गुण ,कन्या का देव तथा वर का राक्षस गण हो तो 1 गुण ,कन्या का राक्षस तथा वर का देव गण हो या एक का मानव व दूसरे का राक्षस गण हो तो 0 गुण मिलता है |
- वर , कन्या का गण समान हो तो 6 गुण , वर का देव तथा कन्या का मानव गण हो तो 6 गुण , कन्या का देव तथा वर का मानव गण हो तो 5 गुण , कन्या का देव तथा वर का राक्षस गण हो तो 1 गुण , कन्या का राक्षस तथा वर का देव गण हो या एक का मानव व दूसरे का राक्षस गण हो तो 0 गुण मिलता है |