लटजीरा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसके अलावा फल्दू , कूटा , सिंदूरी , नरगुंडी , रूसो , सहसमूसली , लाल पथरचटा , गूमा , लटजीरा , दुधई व शिखा आदि औषधियां भी यहां उपलब्ध है।
- मकोय , हिरनखुरी , महकुवा , पत्थरचटटा , बड़ी दुदधी , हजारदाना , कृष्णनील , नर , नील कमली , मुमिया , तिनपतिया , जुगली जूट , बथुआ , खारथआ व लटजीरा आदि।
- यदि गुरु पांचवें घर में अशुभ हो तो कच्चे गन्ने का रस , सफ़ेद दूर्वा , शतावरी , लटजीरा , सुहागा एवं मनकील सब को एक में घोटकर , आमले को इसके साथ हल्की आंच पर पकाएं .
- यदि गुरु पांचवें घर में अशुभ हो तो कच्चे गन्ने का रस , सफ़ेद दूर्वा , शतावरी , लटजीरा , सुहागा एवं मनकील सब को एक में घोटकर , आमले को इसके साथ हल्की आंच पर पकाएं .
- तो चूंकि वह मन्त्र आदि का प्रयोग नहीं कर सकता , इसलिए इन औषधियों में वासन्तिक , मलाक , विराज , जटामांसी , लटजीरा एवम बघेरुआ सब एक एक तोला मिलाकर कम से कम प्रति रविवार कर के चार रविवार तक घर के मध्य में इस प्रकार जलायें कि धूँवाँ पूरे घर में फ़ैल जाय।
- तो चूंकि वह मन्त्र आदि का प्रयोग नहीं कर सकता , इसलिए इन औषधियों में वासन्तिक , मलाक , विराज , जटामांसी , लटजीरा एवम बघेरुआ सब एक एक तोला मिलाकर कम से कम प्रति रविवार कर के चार रविवार तक घर के मध्य में इस प्रकार जलायें कि धूँवाँ पूरे घर में फ़ैल जाय।
- केवल पौधे क़ी जगह लटजीरा होगा तथा नग क़ी जगह “ वर्तिका ” होगा . शतभिषा नक्षत्र से बनने वाले विषकन्या योग में पौधा भटकटैया तथा नग “ विक्रांत ” ही होगा . ऊपर समस्त विधियां करने के उपरांत प्रतिदिन निम्न लिखित मन्त्र भी कम से कम आठ बार पढ़ने का निर्देश किया गया है- ॐ अध्वनामध्वपते प्र मा तिर्स्वस्ति में अस्मिन्पथि देवयाने भूया त.
- विधि : सबसे पहले आक , धतूरा , चिरचिरा ( चिरचिरा को अपामार्ग , लटजीरा , उन्दाकाता , औंगा नामों से भी जाना जाता है ) , दूध , बरगद , पीपल इन छः की जड़ें ; शमी ( शीशम ) , आम , गूलर इन तीन के पत्ते , एक मिट्टी के नए पात्र ( कलश ) में रखकर गाय का दूध , घी , मट्ठा ( छाछ ) और गोमूत्र डालें।
- विधि : सबसे पहले आक , धतूरा , चिरचिरा ( चिरचिरा को अपामार्ग , लटजीरा , उन्दाकाता , औंगा नामों से भी जाना जाता है ) , दूध , बरगद , पीपल इन छः की जड़ें ; शमी ( शीशम ) , आम , गूलर इन तीन के पत्ते , एक मिट्टी के नए पात्र ( कलश ) में रखकर गाय का दूध , घी , मट्ठा ( छाछ ) और गोमूत्र डालें।
- कैसे पायें बेहतर ' सेहत ' : - सिर पर लटजीरा या अपामार्ग की टहनी को 7 बार घुमाना चाहिए , फिर इसे सिर पर रख लें , साथ ही थोड़ी सी साफ़ मिट्टी भी सिर पर रखें और अब सिर पर पानी डालकर स्नान करें | इसमें इस्तेमाल किये जानेवाला मंत्र - ' चिचड़ी बरियारी , रोग दोष लै जाय दीवारी ' इस मंत्र का 7 बार जप करें और स्नान करें |