लाटानुप्रास का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- शब्दालंकारों के प्रयोग में पुररुक्ति , प्रयत्नलाघव तथा उच्चारण या ध्वनिसाम्य मुख्य आधारभूत सिद्धांत माने जाते हैं और पुनरुक्ति को ही आवृत्ति कहकर इसके वर्ण, शब्द तथा पद के क्रम से तीन भेद माने जाते हैं, जिनमें क्रमश: अनुप्रास और छेक एवं यमक, पररुक्तावदाभास तथा लाटानुप्रास को ग्रहण किया जाता है।
- शब्दालंकारों के प्रयोग में पुररुक्ति , प्रयत्नलाघव तथा उच्चारण या ध्वनिसाम्य मुख्य आधारभूत सिद्धांत माने जाते हैं और पुनरुक्ति को ही आवृत्ति कहकर इसके वर्ण , शब्द तथा पद के क्रम से तीन भेद माने जाते हैं , जिनमें क्रमश : अनुप्रास और छेक एवं यमक , पररुक्तावदाभास तथा लाटानुप्रास को ग्रहण किया जाता है।