लालफ़ीताशाही का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस पाये के अफ़सर को सिर्फ़ नियम - कानूनों का हवाला देकर , बिना किसी ठोस तर्क के 'धमकाया' जाना न सिर्फ़ अभिनव की समझदारी का मखौल उड़ाए जाने जैसा है बल्कि दशकों से सड़ रही हमारी लालफ़ीताशाही की कार्यप्रणाली को नंगा कर के रख देना भी है.
- इस लेख में अभिनव कुमार छठे वेतन आयोग की सिफ़ारिशों को भारतीय लालफ़ीताशाही के इतिहास की नई मनुस्मृति बताते हुए राजनीति-अफ़सरशाही-व्यवसायी के लौह त्रिकोण को अनावृत्त करते हुए बताते हैं कि कैसे एक स्वार्थप्रेरित साज़िश की मदद से सारा देश लुटेरों के हाथों गिरवी धर दिया गया है .
- इस लेख में अभिनव कुमार छठे वेतन आयोग की सिफ़ारिशों को भारतीय लालफ़ीताशाही के इतिहास की नई मनुस्मृति बताते हुए राजनीति-अफ़सरशाही-व्यवसायी के लौह त्रिकोण को अनावृत्त करते हुए बताते हैं कि कैसे एक स्वार्थप्रेरित साज़िश की मदद से सारा देश लुटेरों के हाथों गिरवी धर दिया गया है .
- इस पाये के अफ़सर को सिर्फ़ नियम - कानूनों का हवाला देकर , बिना किसी ठोस तर्क के ' धमकाया ' जाना न सिर्फ़ अभिनव की समझदारी का मखौल उड़ाए जाने जैसा है बल्कि दशकों से सड़ रही हमारी लालफ़ीताशाही की कार्यप्रणाली को नंगा कर के रख देना भी है .
- देशी-विदेशी ऐसी कम्पनियाँ जो खनिज का दोहन कर वास्तव में इसी देश में खपत कर उत्पादन करना चाहती हैं , उन्हें एमओयू और लालफ़ीताशाही के मकड़जाल में उलझाकर भाग जाने पर मज़बूर किया जाता रहा है , और जहाँ से मोटी रकम आने का रास्ता दिखता है , वहाँ ये बेईमान तन्त्र सारे दरवाज़े खोलकर रखता आया है ।
- अब कांग्रेस का अदभुत विकास और गरीबों का साथ देखिये - कच्छ और सौराष्ट्र के ढाई करोड़ लोगों के पेयजल के लिये इस योजना को 1986-87 में बनाया गया था , तब अनुमान था कि इसकी लागत 6406 करोड़ रुपये होगी, लेकिन राजनीति, श्रेय लेने की होड़ (योजना का नाम किसी गाँधी के नाम पर करने) तथा लालफ़ीताशाही ने 23 साल में भी इसे पूरा होने नहीं दिया और अब इसकी लागत बढ़कर 39240 करोड़ रुपये हो गई है।
- अंग्रेज़ी भाषा तो नहीं कहती कि हम उसे सीखें और प्रयोग करें , तो उसे उलाहना क्यों? जो लोग इन देशों की तरक्की का ढोल पीटते हुए अपने देश के पिछड़ा होने का दोष अंग्रेज़ी मोह पर लादते हैं क्या उन्हें इतनी समझ नहीं कि चाहे चीन हो या जापान, रूस हो या इस्राईल, इन देशों में जिस कार्य को करने का निर्णय लिया जाता है वह किया जाता है, हमारे देश की तरह लालफ़ीताशाही और नौकरशाही के जाल में फ़ंस वह दम नहीं तोड़ता।
- अब कांग्रेस का अदभुत विकास और गरीबों का साथ देखिये - कच्छ और सौराष्ट्र के ढाई करोड़ लोगों के पेयजल के लिये इस योजना को 1986 - 87 में बनाया गया था , तब अनुमान था कि इसकी लागत 6406 करोड़ रुपये होगी , लेकिन राजनीति , श्रेय लेने की होड़ ( योजना का नाम किसी गाँधी के नाम पर करने ) तथा लालफ़ीताशाही ने 23 साल में भी इसे पूरा होने नहीं दिया और अब इसकी लागत बढ़कर 39240 करोड़ रुपये हो गई है।
- माँगें = वाजपेयी के घुटनों का दर्द ( ८) भ्रष्टाचार + गुंडागर्दी + अनैतिकता + अपराध (-) इन्सानियत = नेता(९) दसवीं + बारहवीं + बी.एससी. + एमबीए = बेरोजगारी(१०) लालफ़ीताशाही + शिक्षा का मजाक + आरक्षण + भाई-भतीजावाद = विदेश जाता भारतीय युवा(११) चीन का एक जिमनास्ट = ओलम्पिक के उदय से अब तक भारत के कुल पदक(१२) कार्ल लुईस = सन 3000 तक एथलेटिक्स में भारत के कुल ओलम्पिक पदक(१३) एक सचिन तेंडुलकर = ४ इयान चैपल + १२ माइकल एथरटन + .....................ऐसे और भी आसान से दिखने वाले गणित हमारे चारों तरफ़ बिखरे पडे हैं, जरा नजर तो दौडाईये...