लैंप-पोस्ट का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ये रक्तसने कपड़े उस आदमी के हैं जिसके हाथ मिलों में कपड़ा बुनते हैं कारख़ानों में जूते बनाते हैं खेतों में बीज डालते हैं पुस्तकें लिखते , खिलौने बनाते हैं और शहर की अँधेरी सड़कों के लैंप-पोस्ट जलाते हैं
- लैंप-पोस्ट तो मैं भी जला सकता हूँ लेकिन स्कूल से कभी न लौटने वाली बच्ची की माँ के आँसुओं का धर्म नहीं बता सकता जैसे जख्मियों के घावों पर मरहम तो लगा सकता हूँ लेकिन उनकी चीखों का मर्म नहीं बता सकता .
- बाबूजी हाथ में जग लेकर सड़क के झिपझिपाते लैंप-पोस्ट को देखकर मन ही मन बुदबुदाते कि यह बत्ती फिर जाने वाली है , ऊपर मुन्नी से कहते, 'अच्छा?`दीदी दरवाजे से झांककर उन्हें इत्तिला करती कि अम्मां पीहरवाली बात का बुरा मानकर नहीं खाई हैं.