लोक-वार्ता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- लोक-वार्ता तथा लोक-साहित्य : विभिन्नता 'लोक-वार्ता' एवं 'लोक-साहित्य' का परस्पर सम्बन्ध एवं भिन्नता स्पष्ट करनेमें विद्वानों में मतैक्य नहीं है.
- ' लोक-वार्ता' का अध्ययन 'लोक-साहित्य', 'लोक-विज्ञान', 'लोक-भाषा' एवं 'लोक-चेष्टाओं' (लोक की आंगिकगतियों) आदि चार विशेष अंगों के अन्तर्गत हो सकता है.
- ' लोक-वार्ता' का अध्ययन 'लोक-साहित्य', 'लोक-विज्ञान', 'लोक-भाषा' एवं 'लोक-चेष्टाओं' (लोक की आंगिकगतियों) आदि चार विशेष अंगों के अन्तर्गत हो सकता है.
- ' लोक-वार्ता' का अध्ययन 'लोक-साहित्य', 'लोक-विज्ञान', 'लोक-भाषा' एवं 'लोक-चेष्टाओं' (लोक की आंगिकगतियों) आदि चार विशेष अंगों के अन्तर्गत हो सकता है.
- वस्तुतः ' लोक-वार्ता' में लोक कलाएं, लोक-अनुष्ठान, लोक-मार्ग तथा लोक-साहित्य (ञोल्क्-अर्ट्स्, ञोल्क् फ्रच्टिचेस् ओर् ञोल्क् षिटुअल्स्, ञोल्क्-थय्स्, ञोल्क् ळिटेरटुरे) सभी आते हैं.
- वस्तुतः ' लोक-वार्ता' में लोक कलाएं, लोक-अनुष्ठान, लोक-मार्ग तथा लोक-साहित्य (ञोल्क्-अर्ट्स्, ञोल्क् फ्रच्टिचेस् ओर् ञोल्क् षिटुअल्स्, ञोल्क्-थय्स्, ञोल्क् ळिटेरटुरे) सभी आते हैं.
- दूसरे देशों में तो लोक-वार्ता सम्बन्धी कई सम्प्रदाय भी , ३ विशेषकर पश्चिमीदेशों में प्रचलित हुए जिनके परिणामस्वरूप अनेकों विद्धानों पर इसका प्रभावपड़ा.
- १६ ' लोक-वार्ता' के अन्य अंगों की भांति 'लोक-वाणी का भी अस्तित्वस्वतन्त्र नहीं वरन् साहित्य, भाषा एवं विज्ञान का योग इसमें अवश्य रहता है.
- १६ ' लोक-वार्ता' के अन्य अंगों की भांति 'लोक-वाणी का भी अस्तित्वस्वतन्त्र नहीं वरन् साहित्य, भाषा एवं विज्ञान का योग इसमें अवश्य रहता है.
- ११ सभीविद्वान ' लोक-वार्ता' की चर्चा करते हुए इसके ऐतिहासिक महत्त्व की ओर संकेतकरते हैं, परन्तु आज तक इसका इतिहास लिखने में प्रायः असमर्थ रहे हैं.