वटु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस पर उन्होंने वटु को सर्पों के नवें कुल का कुलपुरुष बनने का वरदान दिया और नाग पर्वत पर रहने का आदेश दिया।
- राजा-महाराजाओं और श्रीमन्तों के यहां भी ऋषि-मुनियों के साथ ये वटु : जो उनके गुरुकुल में अध्ययन करते थे , जाते और दान पाते।
- नागकुण्ड : -कथा है कि ब्रह्माजी के पुत्र वटु ने यज्ञशाला में एक सर्प छोड़ दिया , जो भृगु ऋषि के पावों से लिपट गया।
- राजा-महाराजाओं और श्रीमंतों के यहां भी ऋषि-मुनियों के साथ ये वटु : जो उनके गुरुकुल में अध्ययन करते थे , जाते और दान पाते .
- ” कलि में मगधपुरी अथवा मगध देश में विश्वस्फटिक नाम का एक प्रतापी पुरुष क्षत्रिय से अन्य वर्ण कैवर्त , वटु , पुलिन्द और ब्राह्मणों को राजा बनायेगा।
- ” कलि में मगधपुरी अथवा मगध देश में विश्वस्फटिक नाम का एक प्रतापी पुरुष क्षत्रिय से अन्य वर्ण कैवर्त , वटु , पुलिन्द और ब्राह्मणों को राजा बनायेगा।
- आचार्य वाचस्पति के ही समान गौरांग शरीरधारी वटु पीताम्बर में आवृत होकर अपने हृष्ट-पुष्ट , स्वस्थ , रक्ताभ , मांसल अंगों के द्वारा सौन्दर्य की किरणों का प्रसार किया करते थे।
- बजरबट्टू के बारे में अजित वडनेकर ने लिखा , ' प्राचीनकाल में गुरुकुल के विद्यार्थी के लिए ही आमतौर पर वटु : या बटुक शब्द का प्रयोग किया जाता था .
- विधिवत् वह “वेद विद्याव्रतस्नात ' ' था राजनीति-निपुण, सकल कला-निधि था चारों वेद, षट् शास्त्र कण्ठस्थ थे उसको जिससे कि ‘‘दशानन'' पद उसे प्राप्त था बढ़ गया इस भांति वह ‘‘चतुरानन'' से पूजनीय ‘‘पंचानन'' और ‘‘षडानन”से जिस भांति गुरु से भी गुरु पटु वटु हो, वट से बृहत् वट-बीज का वितान हो, उसके समान अद्यावधि वेद-विद्या से- विद्योतित अनवद्य हुआ नहीं विश्व में रावण था नाम उस वीर स्वाभिमानी का चलने से जिसके दहलती यों धरणि- हस्ति-पग से ज्यों डगमग होती तरणि।
- विधिवत् वह “ वेद विद्याव्रतस्नात ' ' था राजनीति-निपुण , सकल कला-निधि था चारों वेद , षट् शास्त्र कण्ठस्थ थे उसको जिससे कि ‘‘ दशानन '' पद उसे प्राप्त था बढ़ गया इस भांति वह ‘‘ चतुरानन '' से पूजनीय ‘‘ पंचानन '' और ‘‘ षडानन ” से जिस भांति गुरु से भी गुरु पटु वटु हो , वट से बृहत् वट-बीज का वितान हो , उसके समान अद्यावधि वेद-विद्या से- विद्योतित अनवद्य हुआ नहीं विश्व में रावण था नाम उस वीर स्वाभिमानी का चलने से जिसके दहलती यों धरणि- हस्ति-पग से ज्यों डगमग होती तरणि।