वल्लभा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- एक-दूसरे के लिये खड़े नहीं हैं | पता नहीं कब तक इन हालात में अपना अस्तित्व बचा पाएँगे या एक दिन यूँ हीं गुम हो जायेंगे | स्वाति वल्लभा राज
- वेद तथा पुराणादि में जिनका ‘ कृष्ण वल्लभा ' कहकर गुणगान किया गया है , वे श्री वृन्दावनेश्वरी राधा सदा श्री कृष्ण को आनन्द प्रदान करने वाली साध्वी कृष्णप्रिया थीं।
- सलारन : हाँ , परन्तु वह देर करके पहुँचे , उस समय जहाज जा चुका था और वहाँ महाराज को समाचार मिला कि लवंग अपनी वल्लभा जसोदा के सहित एक छोटी सी नाव में जाता दृष्टि पड़ा था।
- ( चन्द्रावली , माधवी , काममंजरी , बिलासिनी , इत्यादि एक स्थान पर बैठी हैं , चन्द्रकान्ता वल्लभा , श्यामला , भामा , झूले पर हैं , कामिनी और माधुरी हाथ में हाथ दिये घूमती हैं ) का . :
- किसी को उनका मोर मुकुट , पीतांबर भूषा, कदंब वृक्ष तले, यमुना के तट पर भुवनमोहिनी वंशी बजाने वाला, प्राण वल्लभा राधा के संग साथ वाला प्रेम रूप प्रिय है, तो किसी को उनका महाभारत का महापराक्रमी रणनीति विशारद योद्धा का रूप प्रिय है।
- जो सृष्टि लीला के समय वाग्देवता ( ब्रह्मशक्ति) के रूप में विराजमान होती है तथा प्रलय लीला के काल में शाकम्भरी (भगवती दुर्गा) अथवा चन्द्रशेखर वल्लभा पार्वती (रुद्रशक्ति) के रूप में अवस्थित होती है, त्रिभुवन के एकमात्र पिता भगवान नारायण की उन नित्य यौवना प्रेयसी श्रीलक्ष्मीजी को नमस्कार है।।10।।
- किसी को उनका मोर मुकुट , पीतांबर भूषा , कदंब वृक्ष तले , यमुना के तट पर भुवनमोहिनी वंशी बजाने वाला , प्राण वल्लभा राधा के संग साथ वाला प्रेम रूप प्रिय है , तो किसी को उनका महाभारत का महापराक्रमी रणनीति विशारद योद्धा का रूप प्रिय है।
- * जो सृष्टि लीला के समय वाग्देवता ( ब्रह्मशक्ति) के रूप में विराजमान होती है तथा प्रलय लीला के काल में शाकम्भरी (भगवती दुर्गा) अथवा चन्द्रशेखर वल्लभा पार्वती (रुद्रशक्ति) के रूप में अवस्थित होती है, त्रिभुवन के एकमात्र पिता भगवान नारायण की उन नित्य यौवना प्रेयसी श्रीलक्ष्मीजी को नमस्कार है।।10।।
- जिसे हिन्दू धर्मग्रंथों मेँ वैष्णवी , वृन्दा , सुगंधा , गंधहारिणी , अमृता , पत्रपुष्पा , पवित्रा , श्र्वल्लरी , सुभगा , तीब्रा , पावनी , विष्णुबल्लभा , माधवी , सुरवल्ली , देवदुंदुभी , विष्णुपत्नी , मालाश्रेष्टा , पापघ्नी , लक्ष्मी , श्री-कृष्ण वल्लभा , आदि कई नामो से वर्णित किया गया है।
- मेरी ओर आकृष्ट होकर युवती नेकहा- ' कान्त आप मुझे नहीं जानते? आश्चर्य? मथुरा में कौन है ऐसा जो मुझे नहींजानता? देवि बनित वल्लभा की पुत्री अनेकवक्रा नाम से विख्यात मुझे राजा नेअनु-~ लेपन कार्य में नियुक्त किया है न्, मेरे अतिरिक्त दूसरी किसी का बनायाअनुलेपन राजा को प्रिय नहीं न, इसी से मैं उनकी अत्यन्त कृपापात्री हूं.