वशित्व का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मार्कण्डेयपुराण के अनुसार अणिमा , महिमा , गरिमा , लघिमा , प्राप्ति , प्राकाम्य , ईशित्व और वशित्व ये आठ सिद्धियां हैं।
- मार्कंडेय पुराण के अनुसार अनिमा , महिमा ,लघिमा ,प्राप्ति ,प्राकाम्य ,ईशित्व ,और वशित्व ये आठ प्रकार की सिध्धि है ...ये सिध्धि दात्री आखरी है ।
- मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा , महिमा , गरिमा , लघिमा , प्राप्ति , प्रकाम्य , ईशित्व और वशित्व ये आठ सिद्धियां होती हैं।
- वैदेही सीता ने उन्हें आठ सिद्धियां ( अणिमा , महिमा , गरिमा , लघिमा , प्राप्ति , प्राकाम्य , ईशत्व तथा वशित्व ) प्रदान कीं।
- माँ सभी आठों सिद्धियों - अणिमा , महिमा , गरिमा , लघिमा , प्राप्ति , प्राकाम्य , ईशित्व और वशित्व - को देने वाली हैं।
- अर्थात् अणिमा , लघिमा , महिमा , गरिमा , प्राप्ति , प्राकाम्य , वशित्व तथा ईशित्व इन अष्ट सिद्धियों के स्वामी भक्त शिरोमणि हनुमानजी हैं।
- अर्थात् अणिमा , लघिमा , महिमा , गरिमा , प्राप्ति , प्राकाम्य , वशित्व तथा ईशित्व इन अष्ट सिद्धियों के स्वामी भक्त शिरोमणि हनुमानजी हैं।
- मार्कण्डेय पुराण में अणिमा , महिमा , गरिमा , लघिमा , प्राप्ति , प्राकाम्य , ईशित्व और वशित्व इन आठ प्रकार की सिद्धियों का वर्णन मिलता है।
- अणिमा , महिमा , गरिमा , लघिमा , प्राप्ति , प्राकाम्य , ईशित्व और वशित्व ये आठ सिद्धियां हैं जिनका मार्कण्डेय पुराण में उल्लेख किया गया है .
- अष्ट सिद्धि- अणिमा , महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशत्व, वशित्व आठ सिद्धियाँ (पुराणों की)- अंजन, गुटका, पादुका, धातु-भेद, वेताल, वज्र, रसायन, योगिनी आठ सिद्धियाँ (सांख्य की)- तार, सुतार, तारतार, रम्यक, आदि भौतिक, आदि दैविक, आध्यात्मिक, आदि दैहिक