वाक्यार्थ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस मत में वाक्यार्थ , अन्वय और संसर्ग ये सब पर्याय हैं।
- बोध कराता है इसके अनंतर सब अर्थों का समन्वय होकर , वाक्यार्थ अर्थात्
- बोध कराता है इसके अनंतर सब अर्थों का समन्वय होकर , वाक्यार्थ अर्थात्
- इस मत में वाक्यार्थ , अन्वय और संसर्ग ये सब पर्याय हैं।
- परंतु वाक्य में जो पद होते हैं वाक्यार्थ के मूल कारण वे ही हैं।
- अतएव पद शक्ति से ही पदार्थ और वाक्यार्थ दोनों का बोध हो जाता है।
- अतएव पद शक्ति से ही पदार्थ और वाक्यार्थ दोनों का बोध हो जाता है।
- अतएव पद शक्ति से ही पदार्थ और वाक्यार्थ दोनों का बोध हो जाता है।
- पर नैयायिकों के मत से कई पदों के संबंध से निकलनेवाला अर्थ ही वाक्यार्थ है।
- और वाक्यार्थ संबंध के द्वारा पुरुष संबंध को पृथक् करने के लिए वाक्याधिकरण की प्रवृत्ति है।