विषम राशि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- विषम राशि के मंगल की दृष्टि सम राशि के सूर्य पर पड़े तो भी जातक नपुंसक होता है।
- विषम राशि उन्हें माना जाता है जो प्रथम , तृतीय, पंचम, नवम एवं एकादश भाव में स्थित होते हैं.
- विषम राशि उन्हें माना जाता है जो प्रथम , तृतीय, पंचम, नवम एवं एकादश भाव में स्थित होते हैं.
- लग्न और चंद्रमा दोनों विषम राशि में हैं जिसके कारण जातिका का स्वभाव पुरुष प्रधान गुणों से पूर्ण है।
- यह समय की एक विषम राशि , 13 महीने के लिए संभव के रूप में एक पट्टा पाने के लिए?
- जो ग्रह विषम राशि में होगें उनकी गिनती वहीं से आरम्भ होगी जिस राशि में वह ग्रह स्थित होगें .
- यदि लग्न व चन्द्र दोनों विषम राशि में हो और सूर्य से दृष्ट हो तो नपुंसक योग होता है।
- जन्म पत्रिका में ग्रह सम राशि में है , लग्न में विषम राशि है तथा धनेश मंगल पंचमस्थ है।
- जन्म कुण्डली और नवांश कुण्डली में सम या विषम राशि में ग्रह की स्थिति से यह बल प्राप्त होता है .
- दूसरे मतानुसार यदि ग्रह विषम राशि में स्थित है तो गणना उसी राशि से आरम्भ होगी जिसमें ग्रह स्थित है .