वैदूर्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- लालमणि , मोती , वैदूर्य और मूँगे आदि से पूजित होकर भी भगवान विष्णु वैसे संतुष्ट नहीं होते , जैसे तुलसीदल से पूजित होने पर होते हैं ।
- लालमणि , मोती , वैदूर्य और मूँगे आदि से पूजित होकर भी भगवान विष्णु वैसे संतुष्ट नहीं होते , जैसे तुलसीदल से पूजित होने पर होते हैं ।
- वज्र या हीरा । मुक्तामणि । पद्मराग । मरकत । इन्द्रनील । वैदूर्य । पुष्पराग । कर्केतन । पुलक । रुधिर । स्फ़टिक । प्रवाल आदि कहते हैं ।
- वैदूर्य नामक रत्न , तेल , काला तिल , कम्बल , शस्त्र , कस्तूरी तथा नीले रंग का पुष्प दान करने से केतु ग्रह साधक का कल्याण करता है।
- केतु : काला कंबल , कस्तूरी , वैदूर्य मणि , लहसुनिया , काला फूल , तिल , सोना , लोहा , बकरा , शास्त्र , सात प्रकार के अनाज , आदि।
- केतु : काला कंबल , कस्तूरी , वैदूर्य मणि , लहसुनिया , काला फूल , तिल , सोना , लोहा , बकरा , शास्त्र , सात प्रकार के अनाज , आदि।
- वैदूर्य , बज्र, नीलम, मोती, हीरा आदि रत्नों से अलंकृत छज्जे, वेदियां तथा फर्श जगमगा रहे थे और उन पर बैठे हुए कबूतर और मोर अनेक प्रकार के मधुर शब्द कर रहे थे।
- भारतीय मान्यता के अनुसार कुल 84 रत्न पाए जाते हैं , जिनमें माणिक्य , हीरा , मोती , नीलम , पन्ना , मूँगा , गोमेद , तथा वैदूर्य (लहसुनिया ) को नवरत्न माना गया है।
- दिन : बुधवार केतु के लिए दान वस्तुएं : माषान्न , कंबल , वैदूर्य मणि , कस्तूरी , तिल , लोहा , बकरा , शस्त्र , सुवर्ण , कृष्ण पुष्प , सप्तधान्य , दक्षिणा।
- दिन : बुधवार केतु के लिए दान वस्तुएं : माषान्न , कंबल , वैदूर्य मणि , कस्तूरी , तिल , लोहा , बकरा , शस्त्र , सुवर्ण , कृष्ण पुष्प , सप्तधान्य , दक्षिणा।