व्याहत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसी प्रकार निम्नलिखित दोहे के प्रथम दो चरणों में पहले चन्द्रमुखी कहकर हिमकर ( चन्द्रमा ) को उसके मुख के समान न कहना और तीसरे तथा चौथे चरण में कमलदृगी कहना , फिर उसके समान एक भी कमल का न भाना व्याहत अर्थदोष है।
- युग की बेबसियां चाहे कितना ही दबाव रचनाकारों और सहृदयों के मानस पटल पर बनाती रहें , यदि हमें अपने समशील मानव प्राणियों , मानवेतर प्राणियों के मनोभावों , क्रियाकलापों और नानाविध प्रकरणों में अपनी दिलचस्पी को व्याहत नहीं होने देना है तो हमें अंतत : ऐसे प्रबंधों की प्रयोजनीयता को हृदयंगम करना होगा . डॉ . वेद व्यथित का खंड काव्य न्याय याचना इसी मांग की पूर्ति और प्रतिपूर्ति का साहसपूर्ण उपक्रम है .