शङ्ख का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उनकी आभा सुवर्ण के तुल्य है तथा वे सुवर्ण के ही उत्तम आभूषण धारण करती हैं॥ 2 ॥ उनकी चार भुजाएँ कमल , अङ्कुश , पाश और शङ्ख से सुशोभित हैं।
- कमलजन्मा ब्रह्माजी द्वारा स्तवित महाकाली अपने दस हाथों में खड्ग , चक्र , गदा , बाण , धनुष , परिघ , शूल , भुशुण्डि , मस्तक और शङ्ख धारण करती हैं।
- एक ओर आसनपर शङ्ख - चक्र - दा - पद्मधारी भगवान् विराजमान है और उनके सम्मुख हाथमें करताल लिये कूबाजी कीर्तन करते , नेत्रोंसे अश्रुधारा वहाते तन - मनकी सुधि भूले नाच रहे हैं, ।
- ये शङ्ख , चक्र , गदा , शक्ति , हल और मुसल , खेटक और तोमर , परशु तथा पाश , कुन्त और त्रिशूल एवं उत्तम शा र्ङ्गधनुष आदि अस्त्र-शस्त्र अपने हाथों में धारण करती हैं।
- इसी प्रकार कामधेनु , उच्चै : श्रवा नामक घोड़ा , ऐरावत हाथी , कौस्तुभमणि , कल्पवृक्ष , अप्सराएं , भगवती लक्ष्मी , वारुणी , धनुष , चंद्रमा , शङ्ख , धन्वन्तरि और अंत में अमृत निकला।
- इसी प्रकार कामधेनु , उच्चै : श्रवा नामक घोड़ा , ऐरावत हाथी , कौस्तुभमणि , कल्पवृक्ष , अप्सराएं , भगवती लक्ष्मी , वारुणी , धनुष , चंद्रमा , शङ्ख , धन्वन्तरि और अंत में अमृत निकला।
- जो लोग शङ्ख , चक्र, गदा, पद्म, बाण-धनुष और खड्ग धारण करनेवाले, लक्ष्मी के मुखारविन्द का मकरन्द पीने के लिये भ्रमररूप नेत्रवाले वरदायक एवं श्रेष्ठ भगवान् पद्मनाभ का कीर्तन करते हैं, वे अवश्य उन मधुासूदन के धाम में जाते हैं।
- स्वर्ग के आँगन में वेणु , मृदङ्ग, शङ्ख तथा भेरी की मधुर ध्वनि के साथ जो संगीत होता है तथा जिसमें अनेक प्रकार के कोलाहल का शब्द व्याप्त रहता है, वह विद्याधरी द्वारा प्रदर्शित नृत्य-कला तुम्हारे सुख की वृद्धि करे॥17॥
- जो कामदेव के बाणों जीत चुके हैं , जिनके कमलपत्र के समान विशाल एवं उदार लोचन हैं, जिनका शङ्ख के समान कण्ठ और बिम्बफल के समान अरुण ओष्ठ हैं, जो पवन के सौभाग्य हैं, एकमात्र उन हनुमानजी की ही मैं शरण लेता हूँ।
- जो कामदेव के बाणों जीत चुके हैं , जिनके कमलपत्र के समान विशाल एवं उदार लोचन हैं , जिनका शङ्ख के समान कण्ठ और बिम्बफल के समान अरुण ओष्ठ हैं , जो पवन के सौभाग्य हैं , एकमात्र उन हनुमानजी की ही मैं शरण लेता हूँ।