शफ़क़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वो उफ़क़ का पहला तारा , वो शफ़क़ पे ढलती शामवस्ल के मासूम लम्हों की निशानी हो गए अपनी बात याद आ गई :)
- वो उफ़क़ का पहला तारा , वो शफ़क़ पे ढलती शाम वस्ल के मासूम लम्हों की निशानी हो गए अपनी बात याद आ गई :)
- ग्वेंडोलिन ब्रुक्स की कविता शानदार और धारदार है लेकिन सीमा शफ़क़ की कविता में एहसास उतने तीव्र नहीं हैं कि पाठक को झकझोर पाएँ .
- पर मुझे तो पता है शफ़क़ सिर्फ एक धोखा है ये चाल है निगोड़े आस्माँ की मुझे छलने जो चला है स्वार्थी है बहुत व ( ...)'
- जनाब शफ़क़ बिजनौरी साहब से मेरी मुलाक़ात दिसम्बर 2008 में जम्मू के ‘ वैष्णवी धाम ‘ में उस समय हुई जबकि हम हरदम मौत के निशाने पर थे।
- उसमें मेहमान शायर के तौर पर बिजनौर के दूसरे शायरों के साथ जनाब शफ़क़ बिजनौरी को भी बुलाया गया जोकि उस वक्त वैष्णवी धाम में हमारे साथ ही ठहरे हुए थे।
- एक पुरानी ग़ज़ल : हम बोलें क्या तुमसे के क्या बात थी अजी रहने दो बातें बिन बात की सहर ने शफ़क़ से ठिठोली करी है शिकायत अंधेरों को इस बात की…….
- हम ‘ शफ़क़ ‘ समझते थे नोट रोलते होंगे जनाब सतीश सक्सेना जी ने समझाया कि ‘ लाइट ले यार ‘ और हमने हरिद्वार घुमन्तू भाई तारकेश्वर जी को सदा हल्के में ही लिया ।
- शफ़क़ 1 के रंग में है क़त्ले-आफ़ताब 2 का रंग उफ़ुक़ 3 के दिल में है ख़ंजर , लहूलुहान है शाम सफ़ेद शीशा-ए-नूर और सिया बारिशे-संग 4 ज़मीं से ता-ब-फ़लक 5 है बलन्द रात का नाम
- [ यह नज़्म का सारांश है, पूरा पढ़ने के लिए फ़ीड प्रविष्टी शीर्षक पर चटका लगायें...] पुरज़े शफ़क़ लम्स सूरज गदेली उफ़क़ कहकशाँ रब्त मिसरी तन्हाई दोस्ती खा़मोशी मेरी आँख जो खुली तो मुझको तुमसा कोई न मिला