शांखायन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ==== गर्भरक्षण ==== शांखायन गृह्यसूत्र balloon title = ” शांखायन गृह्यसूत्र , 1 ।
- इसमें 5 शाखाएँ हैं - शाकल्प , वास्कल , अश्वलायन , शांखायन , मंडूकायन।
- इसमें 5 शाखाएँ हैं - शाकल्प , वास्कल , अश्वलायन , शांखायन , मंडूकायन।
- इसमें 5 शाखायें हैं - शाकल्प , वास्कल , अश्वलायन , शांखायन , मंडूकायन।
- इसमें 5 शाखायें हैं - शाकल्प , वास्कल , अश्वलायन , शांखायन , मंडूकायन।
- शांखायन गृह्यसूत्र [ 248 ] ने पिण्डपितृयज्ञ से पृथक् मासिक श्राद्ध की चर्चा की है।
- मुख्य आरण्यक 5 हैं - 1 ऐतरेय 2 शांखायन 3 बृहदारण्यक 4 तैत्तिरीय 5 तवलकार ।
- मुख्य आरण्यक पाँच हैं : 1) ऐतरेय, 2) शांखायन, 3) बृहदारण्यक, 4) तैत्तिरीय और 5) तवलकार।
- १३ ) और शांखायन श्रौतासुत (१५. १६) में `वैधस "लिखा है. सायणने` वैधस 'का अर्थ वेधसपुत्र किया है.
- इसी प्रकार काशी , कोसल और विदेह के सामान्य पुरोहित जलजातूकर्ण्य का नाम शांखायन श्रौतसूत्र में प्राप्य है।