शांत रस का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- संगीत का जो सब से बड़ा रस है- शांत रस है।
- शांत रस की स्थापना के साथ यह नाटक समाप्त होता है।
- शांत रस का उल्लेख यहाँ कुछ दृष्टियों से और आवश्यक है।
- शांत रस के देवता नारायण , और उसका वर्ण कुंदेटु बताया जाता है।
- शांत रस के देवता नारायण , और उसका वर्ण कुंदेटु बताया जाता है।
- इसलिए उनके काव्य में कहीं-कहीं शांत रस का पुट मिल जाता है।
- निर्वेद स्थायी भाव द्वारा शांत रस का पूर्ण परिपाक हो रहा है।
- श्रृंगार , वीर और शांत रस में से किसी एक की प्रधानता होनी चाहिए।
- इसलिए इसमें शांत रस के सिवाय , अन्य रसों का प्रायः अभाव है।
- शृंगार , अद्भुत और शांत रस के बाद आज बारी हास्य रस की।