शुभ काल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे अभी सामने नहीं आए हैं लेकिन ज्योतिषियों ने सरकार के गठन और शपथग्रहण के मुहूर्त निकाल कर ऐलान किया है कि शुभ काल में शपथ लेने पर ही सफलता पूर्वक सरकार चल पाएगी।
- स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भी उत्तरायण का महत्व बताते हुए गीता में कहा है कि उत्तरायण के छह मास के शुभ काल में , जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है तो इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता।
- ऐसे शुभ काल में धर्मशास्त्रों में देव उपासना के लिए बताया गया दीप जलाने का विशेष मंत्र बोल या पढ़ घी या तेल का दीप जलाकर माता सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर के सामने रखना भी ज़िंदगी के सारे तनावों व परेशानियों को दूर करने का आसान उपाय माना गया है।
- भगवान श्रीकृष्ण ने भी उत्तरायण का महत्व बताते हुए गीता में कहा है कि उत्तरायण के छह मास के शुभ काल में , जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है तो इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता, ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त हैं।
- स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भी उत्तरायण का महत्व बताते हुए गीता में कहा है कि उत्तरायण के छह मास के शुभ काल में , जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है तो इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता , ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त हैं।
- तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म बह्मविदो जनाः॥ ( 24) इसी संदर्भ में आगे का श्लोक है- धूमो रात्रिस्तथा कृष्णः षणमासा दक्षिणायनम् तत्र चान्द्रमसं ज्योति- योगी प्राप्य निर्वतते॥ (25) तात्पर्य यह है कि ऐसे छः मास के शुभ काल में, जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है तो इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता, ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त हैं।
- तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म बह्मविदो जनाः॥ ( 24 ) इसी संदर्भ में आगे का श्लोक है- धूमो रात्रिस्तथा कृष्णः षणमासा दक्षिणायनम् तत्र चान्द्रमसं ज्योति- योगी प्राप्य निर्वतते॥ ( 25 ) तात्पर्य यह है कि ऐसे छः मास के शुभ काल में , जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है तो इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता , ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त हैं।