शौनक ऋषि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- शौनक ऋषि के प्रश्न द्वारा परब्रह्म को जानने का प्रयास संभव हो पाया है इसमें शौनक ऋषि के सवालों के उत्तर देते हुए ऋषि पिप्पलाद जी उन्हें परब्रह्म के स्वरूप के बारे में बताते हैं तथा परब्रह्म को कैसे प्राप्त किया जा सकता है इस बात का भी उल्लेख किया गया है .
- ( k ) क्षत्रियकुल में जन्में शौनक ने ब्राह्मणत्व प्राप्त किया | ( विष्णु पुराण ४ . ८ . १ ) वायु , विष्णु और हरिवंश पुराण कहते हैं कि शौनक ऋषि के पुत्र कर्म भेद से ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य और शूद्र वर्ण के हुए | इसी प्रकार गृत्समद , गृत्समति और वीतहव्य के उदाहरण हैं |
- एक बार शौनक ऋषि जी ने पिप्पलाद जी से ब्रह्म विद्या के ज्ञान को समझाने हेतु उनसे प्रार्थना करते हैं वह पिप्पलाद जी से कहते हैं की वह उन्हें उस परम सत्ता का ज्ञान कराएं जो सभी में व्याप्त है जिसके द्वारा सृष्टि का संचार संभव हो पाता है जो मुक्त प्रकाशवान चैतन्य एवं शाश्वत है ऐसे परम ज्ञान को आप मेरे समक्ष प्रस्तुत करें .