श्यामता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- “ वाह , इसी रूप पर ? नेक अपने मुख की श्यामता को धो ले सब विघ्न डालने और हाथ धोने की सुना और सोने का सन्दूक क्या कहता है ? तनिक देखूँ तो सही ; ” जो कोई मुझे चाहेगा वह उस पदार्थ को पावेगा जिसकी बहुत लोग इच्छा रखते हैं।
- कि मैं श्री विष्णु के नेत्र से उत्पन्न हुई हूँ और श्री राम को कुक्षि में धारण किए रहती हूँ - स्मरण होते ही सुदूर , विह्वल आकाश में डबडबाते भगवन्नेत्र उभर आते हैं तथा सरयू के समुज्ज्वल अंचल में नील सरोरुह राम की श्यामता उतराने लगती है | उस रामचन्द्र में , उस लोलते-हिल्लोलते चन्द्र में मन भिंच-भिंच जाता है , तर-बतर हो जाता है , नील-नील हो जाता है |