सत्त्व का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सत्त्व गुण पूर्ण हों ) और अशुद्ध सत्त्व (जिसमें
- सत्त्व गुण पूर्ण हों ) और अशुद्ध सत्त्व (जिसमें
- साधन परायण नहीं , पर सत्त्व परायण शिक्षण
- िफर उसी के द्वारा सत्त्व , रज और तमरूप
- लकड़ी का मेज माने हमारे सत्त्व गुण।
- चित्त माझें ॥ १५७ ॥ ऐसें सत्त्व सुखज्ञानीं ।
- इसके भी तीन भेद हुए- सत्त्व , रज , तम।
- रजिस्ट्री किया हुआ , सर्व सत्त्व संरक्षित
- जिसमें सत्त्व दबा हुआ है और रजोगुण की प्रधानता है।
- इससे सत्त्व की हानि होती है।