सत्वगुण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सत्वगुण निर्मल होने के कारण प्रकाश करने वाला और विकाररहित होता है।
- विद्यार्थी में सत्वगुण कैसे बढ़े ? रजो, तमोगुण से रक्षा कैसे हो ?
- इनमें सत्वगुण की प्रधानता होती है और ये स्थिर स्वभाव के होते हैं .
- तंत्र शास्त्र में तीन गुणों की चर्चा होती है- सत्वगुण , रजोगुण और तमोगुण।
- सत्वगुण तो कभी प्रमुख हुआ ही नहीं , बस उसके होने का अभिनय मैं करता रहा।
- तमस और राजस वृत्तियों और विचारों के पार जाकर सत्वगुण का ग्रहण ही सत्संग है।
- तमस और राजस वृत्तियों और विचारों के पार जाकर सत्वगुण का ग्रहण ही सत्संग है।
- इसी क्रम में एक भिन्न सत्वगुण मूलक शरीर धारण कर पितृ देवताओं का सृजन किया।
- सत्वगुण तो कभी प्रमुख हुआ ही नहीं , बस उसके होने का अभिनय मैं करता रहा।
- फिर इसी दुनियादारी के ख्याल में ही कहीं सत्वगुण के ख्याल भी निकलने शुरू होगे ।