सान्दीपनि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हर छ : माह में भेजे गये पाठों की प्रश्नोत्तरी भरकर वापिस महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान , उज्जैन को अपने खर्चे से डाक द्वारा भेजनी होगी।
- सान्दीपनि का तेज कृष्ण में , गीता का कर दिया प्रकाश॥ बदले काल इन्होंने पाकर , अपने सद्गुरु से अनुदान॥ थे चाणक्य बुद्धि के स्वामी , उन्हें चाहिए थे दो हाथ।
- यह सर्व विदित है जब भगवान श्रीकृष्ण को युवावस्था प्राप्त हुई तब वे अपने भ्राता बलराम सहित अवन्तिका उज्जैन के प्रसिद्ध गुरू सान्दीपनि के यहां पहुंचे और उनसे कर बद्ध प्रार्थना की।
- यम और भगवान श्रीकृष्ण में घोर युद्ध हुआ भयानक यमराज को जीतकर भगवान अच्युन ने अपने बालक गुरूपुत्र को प्राप्त कर लिया उनके प्रभाव से सान्दीपनि का पुत्र पुनः पूर्ववत शरीर धारण करके जी उठा।
- पुरोवाक भारतवर्ष के हृदयस्थल मध्यप्रदेश की अविनाशी नगरी अवन्ती मोक्षप्रदायिनी तो है ही , कालिदास, भर्तृहरि, उव्वट, विक्रमादित्य, वराहमिहिर, सान्दीपनि, उदयन, वासवदत्ता सबकी स्मृतियों को झंकृत भी करती रहती है यहीं के सान्दीपनि ने गीता गायक श्रीकृष्ण का निर्माण किया था।
- पुरोवाक भारतवर्ष के हृदयस्थल मध्यप्रदेश की अविनाशी नगरी अवन्ती मोक्षप्रदायिनी तो है ही , कालिदास, भर्तृहरि, उव्वट, विक्रमादित्य, वराहमिहिर, सान्दीपनि, उदयन, वासवदत्ता सबकी स्मृतियों को झंकृत भी करती रहती है यहीं के सान्दीपनि ने गीता गायक श्रीकृष्ण का निर्माण किया था।
- केन्द्र सरकार उज्जैन स्थित महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान को वित्तपोषित करती है जो देश भर में कुकुरमुत्तों की तरह उगती ग़ैर सरकारी वैदिक पाठशालाओं और गुरुकुलों को मान्यता और धन उपलब्ध कराने वाली संस्था के रूप में कार्य करता है।
- केन्द्र सरकार उज्जैन स्थित महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान को वित्तपोषित करती है जो देश भर में कुकुरमुत्तों की तरह उगती ग़ैर सरकारी वैदिक पाठशालाओं और गुरुकुलों को मान्यता और धन उपलब्ध कराने वाली संस्था के रूप में कार्य करता है।
- उज्जैन का स्मरण होते ही कृष्ण , सान्दीपनि, सुदामा, सान्दीपनि आश्रम में खड़े नन्दी वाला शिवाला, भर्तृहरि की गुफा, भगवान कालभैरव पर तांत्रिकों का अड्डा, मंगलनाथ, सिद्धपीठ, पिंगलेश्वर, पंचक्रोशी यात्रा, दत्त का अखाड़ा, सिन्हस्थ और महाकाल का मन्दिर आदि सबकी याद हो आती है।
- उज्जैन का स्मरण होते ही कृष्ण , सान्दीपनि, सुदामा, सान्दीपनि आश्रम में खड़े नन्दी वाला शिवाला, भर्तृहरि की गुफा, भगवान कालभैरव पर तांत्रिकों का अड्डा, मंगलनाथ, सिद्धपीठ, पिंगलेश्वर, पंचक्रोशी यात्रा, दत्त का अखाड़ा, सिन्हस्थ और महाकाल का मन्दिर आदि सबकी याद हो आती है।