सारोपा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ( अ ) सारोपा गौणी प्रयोजनवती लक्षणा - जहाँ उपमान और उपमेय दोनों का आरोप हो वहाँ सारोपा गौणी प्रयोजनवती लक्षणा होती है।
- उक्त पंक्ति में ‘ तुम ' पर ‘ परी ' होने का आरोप होने के कारण सारोपा और ‘ परी ' में मुख्यार्थ भी सुरक्षित होने और उसका ‘
- शुद्धा प्रयोजनवती लक्षणा के भी दो भेद हैं - ( १ ) लक्षण-लक्षणा या जहतस्वार्था और ( २ ) उपादान लक्षणा या अजह्त्स्वार्था , इनके भी दो-दो भेद हैं - सारोपा और साध्यवसाना।
- सारोपा गौणीलक्षणा के अन्तर्गत सादृश्य सम्बन्ध के आधार पर आरोप-~ विषयअर्थात उपमेय और आरोप्यमाण अर्थात् उपमान-- दोनों ही का स्पष्टतया कथनहोता है और उसी के द्वारा लक्ष्यार्थ का बोध होता है; यथा-- नैन तुरंगम अलक छवि , छरी लगी जिहि आइ.