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सुयज्ञ का अर्थ

सुयज्ञ अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. अपने मंत्रियों में से अग्रगण्य सुमंत के द्वारा उन्होंने वसिष्ठ , वासुदेव , सुयज्ञ , बाबालि आदि गुरुओं को तथा अन्य ब्राह्मण श्रेष्ठों को बुलवाया और उनकी सलाह माँगी।
  2. अपने मंत्रियों में से अग्रगण्य सुमंत के द्वारा उन्होंने वसिष्ठ , वासुदेव , सुयज्ञ , बाबालि आदि गुरुओं को तथा अन्य ब्राह्मण श्रेष्ठों को बुलवाया और उनकी सलाह माँगी।
  3. वैसे सुयज्ञ जी निरामिष के प्रवक्ता हैं और मै भी काश राज कुमारी के हाथ में इतनी ताकत होती की वो मंडूक को पहले “वेजिटेबल स्टेट ” { “वेजिटेटिव स्टेट ”} में लाती और फिर
  4. चलिये अली जी आप की शिकायत दूर करती हूँ और कथा पर ही बात करती हूँ सुयज्ञ जी कहते हैं इतना भारी दंड की कूप मंडूक की भून दो , बहुत ना इंसाफी हैं : )
  5. वैसे सुयज्ञ जी निरामिष के प्रवक्ता हैं और मै भी काश राज कुमारी के हाथ में इतनी ताकत होती की वो मंडूक को पहले “ वेजिटेबल स्टेट ” { “ वेजिटेटिव स्टेट ” } में लाती और फिर सब्जी बना कर खाती .
  6. गुरुपुत्र सुयज्ञ को विदा कर राम ने रोते हुये सेवकों को बहुत सा धन तथा सान्त्वना देते हुये कहा , ” तुम लोग अयोध्या में रहते हुये महाराज , माता कौशल्या , सुमित्रा , कैकेयी , भरत , शत्रुघ्न एवं अन्य गुरुजनों की तन मन से सेवा करना।
  7. चौबीस अवतार- पुराणों में चौबीस अवतारों का भी उल्लेख है-नारायण ( विराट अवतार ) , ब्रह्मा , सनत्कुमार , वटनारायण , कपिल , दत्तात्रेय , सुयज्ञ , हयग्रीव , ऋषभ , पृथु , मत्स्य , कूर्म , हंस , धन्वंतरि , वामन परशुराम , महोहिनी , नृसिंह , वेदव्यास , राम , बलराम , कृष्ण बुद्ध और कल्कि ( कल्कि भविष्य के अवतार हैं ) ।
  8. चौबीस अवतार- पुराणों में चौबीस अवतारों का भी उल्लेख है-नारायण ( विराट अवतार ) , ब्रह्मा , सनत्कुमार , वटनारायण , कपिल , दत्तात्रेय , सुयज्ञ , हयग्रीव , ऋषभ , पृथु , मत्स्य , कूर्म , हंस , धन्वंतरि , वामन परशुराम , महोहिनी , नृसिंह , वेदव्यास , राम , बलराम , कृष्ण बुद्ध और कल्कि ( कल्कि भविष्य के अवतार हैं ) ।
  9. पूर्वोक्त सिद्ध महात्माओं के मध्य में राज्यलक्ष्मी से विभूषित श्रीरामचन्द्रजी विराजान हुए और वसिष्ठ , वामदेव , सुयज्ञ आदि मन्त्री , ब्रह्मापुत्र श्रीनारदजी , मुनिश्रेष्ठ व्यासजी , मुनिवर मरीचि , दुर्वासा , अंगिरा , क्रतु , पुलस्त्य , पुलह , मुनिराज शरलोम , वात्स्यायन , भरद्वाज , वाल्मीकि , उद्दालक , ऋचीक , शर्याति , च्यवन आदि अनेक वेद और वेदांगों के पारंगत , तत्त्वज्ञानी महात्मा विराजमान हुए।
  10. पूर्वोक्त सिद्ध महात्माओं के मध्य में राज्यलक्ष्मी से विभूषित श्रीरामचन्द्रजी विराजान हुए और वसिष्ठ , वामदेव , सुयज्ञ आदि मन्त्री , ब्रह्मापुत्र श्रीनारदजी , मुनिश्रेष्ठ व्यासजी , मुनिवर मरीचि , दुर्वासा , अंगिरा , क्रतु , पुलस्त्य , पुलह , मुनिराज शरलोम , वात्स्यायन , भरद्वाज , वाल्मीकि , उद्दालक , ऋचीक , शर्याति , च्यवन आदि अनेक वेद और वेदांगों के पारंगत , तत्त्वज्ञानी महात्मा विराजमान हुए।
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