सूर्य लोक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भविष्य पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति सूर्य देव को तालपत्र का पंखा समर्पित करता है वह दस हजार वर्ष तक सूर्य लोक में रहने का अधिकारी बन जाता है।
- इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु , आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, कलत्र, तेज, वीर्य, यश, कान्ति, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं तथा सूर्य लोक की प्राप्ति होती है।
- जो मनुष्य भक्ति पूर्वक इस प्रकार दीपावली पर्व पर पांचों दिन एवं सप्तमी तिथि को सूर्यदेव के निमिŸा दीपदान करता है , वह संपूर्ण मनोरथों को प्राप्त करके अंत में सूर्य लोक को जाता है।
- महर्षि चित्र ने कहा- ' हे गौतम! देवयान मार्ग से जाने वाला साधक क्रमश: अग्नि लोक, वायुलोक, सूर्य लोक, वरुण लोक, इन्द्र लोक व प्रजापति लोक आदि छह लोकों में से होता हुआ 'ब्रह्मलोक' में प्रवेश कर पाता है।
- देवी कुष्मांडा सूर्य लोक के भीतर रहती हैं , और उस स्थान पर कोई और नहीं रह सकता था , देवी जी के शरीर का रंग भी सूर्य के सामान चमकता है , ऐसी चमक और देवी देवताओं में नहीं है
- जो इस एकादशी की रात्रि को भगवान के मंदिर में दीपक जलाते हैं उनके पितर स्वर्गलोक में अमृतपान करते हैं तथा जो घी या तेल का दीपक जलाते हैं , वे सौ करोड़ दीपकों से प्रकाशित होकर सूर्य लोक को जाते हैं।
- जो इस एकादशी की रात्रि को भगवान के मंदिर में दीपक जलाते हैं उनके पितर स्वर्गलोक में अमृतपान करते हैं तथा जो घी या तेल का दीपक जलाते हैं , वे सौ करोड़ दीपकों से प्रकाशित होकर सूर्य लोक को जाते हैं।
- जो इस एकादशी की रात्रि को भगवान के मंदिर में दीपक जलाते हैं उनके पितर स्वर्गलोक में अमृतपान करते हैं तथा जो घी या तेल का दीपक जलाते हैं , वे सौ करोड़ दीपकों से प्रकाशित होकर सूर्य लोक को जाते हैं ।
- जो इस एकादशी की रात्रि को भगवान के मंदिर में दीपक जलाते हैं उनके पितर स्वर्गलोक में अमृतपान करते हैं तथा जो घी या तेल का दीपक जलाते हैं , वे सौ करोड़ दीपकों से प्रकाशित होकर सूर्य लोक को जाते हैं।
- सूर्य भगवान बोले “ तुम्हारे बुलाने पर मैं आया हूँ तो कुछ तो दे के ही जाउँगा , तुम्हारा मुझ जैसे ही तेजस्वी , वीर गुणवान , विद्वान पुत्र होगा ” 1 इतना कहते हुए सूर्य देवता अपने सूर्य लोक में चले गए।