स्कर्वी रोग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस मिश्रण को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में 3 से 4 बार लेने से स्कर्वी रोग में बहुत लाभ मिलता है।
- की कमी से स्कर्वी रोग होता है , जो एक गंभीर और दर्दनाक बीमारी है, जिसमें दोषपूर्ण कोलेजन मजबूत संयोजी ऊतक के गठन को रोकता है.
- विटामिन C की कमी से स्कर्वी रोग होता है , जो एक गंभीर और दर्दनाक बीमारी है, जिसमें दोषपूर्ण कोलेजन मजबूत संयोजी ऊतक के गठन को रोकता है.
- जैसे- विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग , डी से रिकेट्स , आयरन की कमी से एनीमिया , कैल्शियम से हड्डियों की कमजोरी आदि रोग हो जाते हैं।
- अभिज्ञात है कि एसकार्बिक एसिड ( विटामिन सी ) स्कर्वी रोग , त्वचा व ऊत्तकों के अंतराल में रक्तस्राव तथा एनिमिया दांत टूटने आदि को रोकने की भूमिका निभाता है।
- अन्य उपयोग- पाचन संस्थान को सशक्त बनाने एवं स्कर्वी रोग निवारण कर सारे अंतःसंस्थान को मजबूत करने के अतिरिक्त त्रिदोष हर होने के नाते इसके अन्य भी उपयोग हैं ।
- दुनिया में दवा परीक्षण की शुरुआत सन 1747 में हुई जब डॉ जेम्सलिंड ने कुछ सैनिकों पर यह अध्ययन किया कि खट्टे-मीठे फल खाने वाले सैनिकों को स्कर्वी रोग नहीं होता .
- इस रोग की प्रतिक्रिया स्वरूप पाचन संस्थान भी गड़बड़ाता है व सारा शरीर भी स्कर्वी रोग को दूर करने की क्षमता की दृष्टि से एक आँवला दो संतरों के समकक्ष ठहरता है ।
- स्कर्वी रोग है कि के अपर्याप्त सेवन से परिणाम विटामिन सी यह कर सकते हैं पर जर्द धब्बे के गठन के लिए सुराग त्वचा , मुलायम खंखरा श्लेष्मा झिल्ली से और मसूड़ों से खून बह रहा.
- पपीते के सेवन से चेहरे पर झुर्रियां पड़ना , बालों का झड़ना , कब्ज , पेट के कीड़े , वीर्यक्षय , स्कर्वी रोग , बवासीर , चर्मरोग , उच्च रक्तचाप , अनियमित मासिक धर्म आदि अनेक बीमारियां दूर हो जाती है।