स्वप्न द्रष्टा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यहाँ यह उल्लेख करना भी महत्त्वपूर्ण होगा कि यह योजना 1944 में जब पहली सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप मे विकसित हुई तब यहाँ ब्रिटेन की सरकार थी । प्रो . बी.पी. अदारकर, प्रतिष्ठित विद्वान और स्वप्न द्रष्टा के नेतृत्व में त्रिपक्षीय श्रम सम्मेलन में सामाजिक बीमा पर प्रथम दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे ।
- आज सोया , हजारों बरस बाद मैं , जाने कब से सहारा, मिला ही नहीं , रंग गीले अभी, विघ्न डालो नहीं , है अभी चित्र मेरा, अधूरा अधूरा ! स्वप्न द्रष्टा को नींद का निहितार्थ उसकी आत्मा का अवचेतन सम्मोह है ,जो जागा तो विचलित करता है ,मजबूर करता है आत्म मंथन को ......./ सुन्दर परिकल्पना ,शुभकामनायें जी /
- आज सोया , हजारों बरस बाद मैं , जाने कब से सहारा, मिला ही नहीं , रंग गीले अभी, विघ्न डालो नहीं , है अभी चित्र मेरा, अधूरा अधूरा ! स्वप्न द्रष्टा को नींद का निहितार्थ उसकी आत्मा का अवचेतन सम्मोह है ,जो जागा तो विचलित करता है ,मजबूर करता है आत्म मंथन को ......./ सुन्दर परिकल्पना ,शुभकामनायें जी /
- कभी नींद नहीं टूटे जिसमे , देखा मैंने वो सपना है है स्वप्न सृजन कुछ करने का , जिसका पहले अस्तित्व ना हो जो खुद पहचान घड़े अपनी , जिसमे “ कर्ता ” का भी व्यक्तित्व हो पर देख स्वप्न के रस्ते में , कितने कंकाल लटकते हैं जो हैं निद्रा से जाग चुके , वो स्वप्न द्रष्टा भटकते हैं .
- आज सोया , हजारों बरस बाद मैं , जाने कब से सहारा , मिला ही नहीं , रंग गीले अभी , विघ्न डालो नहीं , है अभी चित्र मेरा , अधूरा अधूरा ! स्वप्न द्रष्टा को नींद का निहितार्थ उसकी आत्मा का अवचेतन सम्मोह है , जो जागा तो विचलित करता है , मजबूर करता है आत्म मंथन को ....... / सुन्दर परिकल्पना , शुभकामनायें जी /
- आज सोया , हजारों बरस बाद मैं , जाने कब से सहारा , मिला ही नहीं , रंग गीले अभी , विघ्न डालो नहीं , है अभी चित्र मेरा , अधूरा अधूरा ! स्वप्न द्रष्टा को नींद का निहितार्थ उसकी आत्मा का अवचेतन सम्मोह है , जो जागा तो विचलित करता है , मजबूर करता है आत्म मंथन को ....... / सुन्दर परिकल्पना , शुभकामनायें जी /
- मेरा स्वप्न द्रष्टा … ! - - जीवन निधि में उसकी भूमिका और अर्थवत्ता एक स्वप्न द्रष्टा सी थी … ; ह्रदय शीर्ष पर उसका स्थान रिक्त था किसी और को नहीं बिठाया था … ? असम्बद्धता के मायने ! वो , कुछ भी समझे … त्याग , अभिमान अथवा असमर्थता ? पर , उसे कभी भूलाया नहीं था … ? कल ! एक लम्बे अन्तराल के बाद उसे देखा … वो - समय की गति के साथ … परिवर्तन के लाभ , सिद्धांत , जीवन मूल्यों की अर्थवत्ता और सार्थकता को समझा रहा था … ?
- मेरा स्वप्न द्रष्टा … ! - - जीवन निधि में उसकी भूमिका और अर्थवत्ता एक स्वप्न द्रष्टा सी थी … ; ह्रदय शीर्ष पर उसका स्थान रिक्त था किसी और को नहीं बिठाया था … ? असम्बद्धता के मायने ! वो , कुछ भी समझे … त्याग , अभिमान अथवा असमर्थता ? पर , उसे कभी भूलाया नहीं था … ? कल ! एक लम्बे अन्तराल के बाद उसे देखा … वो - समय की गति के साथ … परिवर्तन के लाभ , सिद्धांत , जीवन मूल्यों की अर्थवत्ता और सार्थकता को समझा रहा था … ?