हमेल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उदाहरण के लिए , गोंडों में प्रचलित पटा बहुँटा , चुटकी , हमेल और बारी अन्य वर्गों या जातियों में भी पहने जाते हैं ।
- उदाहरण के लिए , गोंडों में प्रचलित पटा बहुँटा , चुटकी , हमेल और बारी अन्य वर्गों या जातियों में भी पहने जाते हैं ।
- गाँवों में उक्त आभूषण के अलावा गले में सुतिया और हमेल , कटि में करधौनी, पैरों में बोरादार पायल, अँगुलियों में छला पहने जा रहे हैं ।
- उच्च वर्ग में ग्रैवेयक , कण्ठा, वनमाल, तिलड़ीमाल, एकावली, मुक्ताहार आदि प्रिय थे, जबकि ग्रामीणों में गुरीयों और सिक्कों की मालाएँ, सरमाला, हमेल आदि पहने जाते थे ।
- पैरों में पैजना , बिछिया, अनौटा; कटि में करधौनी, हाथों में बरा और खग्गा, गले में खंगौरिया, हमेल, सुतिया; कानों में कनफूल, बाली; नाक में पुँगरिया तथा माथे में बीज-दाउनी प्रमुख थे ।
- अब तक उसके और खासतौर से गाँवों के चलन में बेंदा , टिकुली, छूटा, बिचौली, सुतिया, हमेल, ककना, दौरी, गजरा, बजुल्ला, पुंगरिया, दुर, कनफूल, छापें-छला, चुरियाँ, करधौनी, पैजना, बिछिया आदि आभूषण प्रमुख थे ।
- पटा बहुँटा , चुटकी तोड़ा , पैरी , हमेल , तरकी बारी , टिकुसी आदि गौंड महिलाओं के पारंपरिक अलंकरण हैं |भील जनजाति की महिलाएँ सिर से लेकर पैर तक गहनों से लदी रहती हैं ।
- पटा बहुँटा , चुटकी तोड़ा , पैरी , हमेल , तरकी बारी , टिकुसी आदि गौंड महिलाओं के पारंपरिक अलंकरण हैं |भील जनजाति की महिलाएँ सिर से लेकर पैर तक गहनों से लदी रहती हैं ।
- कलात्मक आभूषण तथा सिक्के- उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड के नारी समाज में प्रचलित आभूषण हमेल , पैजना , लच्छे , अंगूठा , खडुआ , बिछुआ , कड़े व कमर पेटियां हमारी सांस्कृतिक विरासत संग्रहालय में विद्यमान है।