अगनी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- pieceहाथ खाली अगर तू मर गया मेरी जानना अगनी तुझको छुयेगी ना धरती ही देगी मानहद ये है मेरे भाई ये ख़ुदाओं का घरतेरी दौलत ने बनाया तो हुये ख़ुश अल्लाह भगवानतू इस दुनिया की ख़ातिर जोड़े जा आना पइया
- और अंत में जब गीत तेज होता है तो वो पंक्तियां ' पूर्णिमा अगनी जल गई रजनी , जल् दी करा दे रे मंगनी , हो मैया करा दे रे ' गीत देर तक मस् ती देता रहता है ।
- दक्षिण अफ्रीका के साप्ताहिक अखबार ‘ अर्गस ' ने शीषर्क दिया है ‘ अफ्रीकास अगनी ' ( अफ्रीका का दर्द ) इस खबर के साथ सुआरेज का फोटो भी लगाया गया है , जिसमें उन्हें हाथ से गेंद को रोकते हुए दिखाया गया है।
- यहां दहकती हुई आग होगी , शोला भड़काती अगनी होगी , यहां ओढ़ना बिछौना , खाना पीना आग ही आग होगी , इस आग को भड़काने के लिए कोयला , लकड़ी और पेट्रोल इत्यादि की आवश्यक्ता न होगी बल्कि कुफ्फ़ार एवं मुश्रेकीन , पापियों तथा अवज्ञाकारों की टोली होगी।
- आधिपत्य होगा ) |वसुधा भोगी बाहुबल,अगनी तेजस अंस |आबू पर अवतारिया,चारुं अगनी बंस ||८७||जिन्होंने अपने बाहुबल से पृथ्वी का उपभोग किया है ,जो अग्नि के तेजोमय अंश है ,क्षत्रियों के ऐसे प्रतापी चरों ही अग्नि वंश इस आबू पर्वत पर अवतरित हुए है |स्व.आयुवानसिंह शेखावतपहेली से परेशान राजा और बुद्धिमान ताऊ | मेरी शेखावाटीताऊ पत्रिका
- यदि शिखा संग देती रहेगी सदा प्रण हमारा तमस व्याप्त होगा नहीं हो विरह की अगनी से प्रकाशित धरा मिलन हो न हो तम घिरेगा नहीं , बाँध दूंगा किरण -पाश में मैं तमस क्लान्त हो कर चली जायेगी शर्वरी मांग लूँगा रवि से मैं उसकी विभा पर तमाछान्न होने न दूंगा महि , यदि …
- खजूरों को लू में ही पकते हुए देखा किसानों को तब मेघ तकते हुए देखा कुँओं के जल को उतरते हुए देखा गाँवों के बन को झुलसते हुए देखा खेतों को अगनी में तपते हुए देखा बर्फ़ वाले के पैरों को जलते हुए देखा गाते हुए ठंडी-मीठी बर्फ़ दूध की मलाई रे मौसम बदलते हैं भाई रे
- क्या हो रहा है मुझे … सच्चे है तो किसी पर विश्वास क्यों करेंगे ? ?????? जब भगवान बनने की चाहत हुई लगा दिया किसी औरत के चरित्र पर आरोप दिया और लोक समाज और तो और लोक तनतंत्र की स्थापना के लिए औरत दे अगनी परीक्षा आखिर समाज को बनाने के लिए भगवान को यह तो करना ही पड़ेगा … ..
- ياأيها الذين آمنوا قوا أنفسكم وأهليكم نارا وقودها الناس والحجارة - عليها ملائكة غلاظ شداد لايعصون الله ما امرهم ويفعلون مايؤمرون “ ( التحريم : 6 ) “ ऐ लोगों जो ईमान लाऐ हो , बचाओ अपने आप को और अपने घरवालों को उस अगनी से जिसका एंधन इन्सान और पत्थर होंगे , जिस पर कठोर सौभाव के सख्त पकड़ करनेवाले फरिश्ते नियुक्त होंगे , जो कभी अल्लाह के आदेश की अवहिलना नहीं करते , और जो आदेश भी उन्हें दिया जाता है उसका पालन करते हैं।