अड़ूसा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यहां अश्वगंधा , सर्पगंधा , भोई नीम , हर्रा , आंवला , बेल , अड़ूसा , बहेरा , अकरकरा , दशमूल , गिलोरा , सहित अनेक औषधीय पौधे पाए जाते हैं।
- काले अड़ूसा के 4 पत्तों का रस , सहजने की छाल का रस , सामुद्रिक नमक और शहद मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से फेफड़ों की सूजन व जलन समाप्त होती है।
- लगभग एक किलो अड़ूसा के रस में 320 ग्राम सफेद शर्करा , 80 - 80 ग्राम छोटी पीपल का चूर्ण और गाय का घी मिलाकर धीमी आग पर पकाने के लिए रख दें।
- अड़ूसा के सूखे हुए पत्तों को जलाकर राख बना लें और इस 50 ग्राम राख में मुलहठी का चूर्ण 50 ग्राम , काकड़ासिंगी , कुलिंजन और नागरमोथा 10 - 10 ग्राम खरल करके एक साथ मिलाकर रख लें।
- हल्दी की दो गांठे , अड़ूसा ( वासा ) के एक किलो सूखे पत्ते , 10 ग्राम कालीमिर्च , 50 ग्राम सेंधानमक और 5 ग्राम बबूल के गोन्द को मिलाकर और कूट पीसकर मटर जैसी छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें।
- हल्दी की दो गांठे , अड़ूसा ( वासा ) के एक किलो सूखे पत्ते , 10 ग्राम कालीमिर्च , 50 ग्राम सेंधानमक और 5 ग्राम बबूल के गोन्द को मिलाकर और कूट पीसकर मटर जैसी छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें।
- - गिलोय , तुलसी की 8 - 9 पत्तियां , काली मिर्च के 4 - 5 दाने , दाल-चीनी 4 - 5 , इतनी ही लौंग , वासा ( अड़ूसा ) की थोड़ी सी पत्तियां और अदरक या सौंठ मिलाकर काढ़ा बना लें।
- 3 - 3 ग्राम की मात्रा में मुनक्का , अड़ूसा , हरड़ को लेकर 300 मिलीलीटर पानी में डालकर उसका काढ़ा बना ले फिर उसमें शहद और मिश्री को मिलाकर रोगी को पिलाने से आंत्रिक ज्वर ( टायफाइड ) में आराम आता है।
- 3 - 3 ग्राम की मात्रा में मुनक्का , अड़ूसा , हरड़ को लेकर 300 मिलीलीटर पानी में डालकर उसका काढ़ा बना ले फिर उसमें शहद और मिश्री को मिलाकर रोगी को पिलाने से आंत्रिक ज्वर ( टायफाइड ) में आराम आता है।
- नकसीर व रक्तपित्त : अड़ूसा की जड़ की छाल और पत्तों का काढ़ा बराबर की मात्रा में मिलाकर 2 - 2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन कराने से नाक और मुंह से खून आने की तकलीफ दूर होती है।