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अतिक्रम का अर्थ

अतिक्रम अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. इसी मींड के द्वारा स्वर अपने अतीत के पर्याय-पर्याय के इशारों में अपने आपको दिखा रहा है , अपनी हर भावभंगी में अपने आपको अतिक्रम करके चल रहा है जैसे ही रंग के नशे में रेखा अपने आपको अतिक्रम करती है;
  2. इस संदर्भ में पन्तजी की वह शक्ति द्रष्टव्य है , जहाँ पर उन्होंने छायावाद की ऐतिहासिक दृष्टि से अनुपयोगी विगत वास्तविकता को अपनी बोध-दृष्टि से अतिक्रम कर नवीन ‘ यथार्थोन्मुख आदर्शों की खोज ' ( छायावाद : पुनर्मूल्यांकन ) कहा है।
  3. धोनी एकदिवसीय मैचोंमें सबसे ज्यादा दिस्मिस्सल्स का भारतीय रिकार्ड बनाया . 14 नवम्बर 2008 में राजकोट के माधवराव सिंदिया क्रिकेट ग्राउंडमें आयोजित मैच में ज़ाहिर खान के गेंद पर अयन बेल का कैच पकढ़ , धोनी ने नयन मोंगिया का भारत के लिए 154 को अतिक्रम किया।
  4. धोनी एकदिवसीय मैचों में सबसे ज्यादा दिस्मिस्सल्स का भारतीय रिकार्ड बनाया . 14 नवम्बर 2008 में राजकोट के माधवराव सिंदिया क्रिकेट ग्राउंड में आयोजित मैच में ज़ाहिर खान के गेंद पर अयन बेल का कैच पकढ़,धोनी ने नयन मोंगिया का भारत के लिए 154 को अतिक्रम किया.
  5. आठवां दिवस मन ध्यान-मुक्त चढ़ता ऊपर कर गया अतिक्रम ब्रह्मा-हरि-शंकर का स्तर ! महाष्टमी के अंतिम प्रहर दुर्गा साकार हुई वे हंंस उठा ले गर्इं पूजा का प्रिय इन्दीवर ! पूजा के चरम पर जब राम ने हाथ से पीछे रखा नीलकमल उठाना चाहा तो फूल नदारद थे।
  6. प्रभृति , अर्थात् विरोधी भाव को अतिक्रम करके किस प्रकार समग्र प्राणियों को अपने समान प्रेम किया जाये एवं उसी प्रेम के स्वच्छ आलोक में परमात्मा का दर्शन कर जीवन को कृतार्थ किया जाये , इन सभी के सम्बन्ध में स्वामी अभेदानन्द महाराज ने विस्तृत विवेचना की है।
  7. ( 2 ) द्वितीय अध्याय की विवेचना में स्वामी अभेदानन्द महाराज ने योगसाधना के मार्ग में आनेवाली विभिन्न बाधाओं एवं साधक द्वारा इन बाधा-विपत्तियों को कैसे अतिक्रम कर अभिप्रेत लक्ष्य की प्राप्ति की जाय - इन सभी के सम्बन्ध में विस्तृत , सहज , सरल एवं सुबोध व्याख्या की है।
  8. जीवन में आंतर और बाह्म प्रगति करते हुए , आत्मा के एक विशिष्ट स्तर पर पहुँचने के पश्चात् यह हमारी आवश्यकता हो जाती है कि हम अपनी व्यक्तिगत सीमाओं का अतिक्रम करें और आत्मा की अनंतता में उठें , जगत में अपना कर्तव्य पालन करते हुए मुक्त भाव से विचरें।
  9. आठवाँ दिवस मन ध्यान-युक्त चढ़ता ऊपर कर गया अतिक्रम ब्रह्मा-हरि-शंकर का स्तर , हो गया विजित ब्रह्माण्ड पूर्ण, देवता स्तब्ध; हो गये दग्ध जीवन के तप के समारब्ध; रह गया एक इन्दीवर, मन देखता पार प्राय: करने को हुआ दुर्ग जो सहस्त्रार, द्विप्रहर, रात्रि, साकार हुई दुर्गा छिपकर हँस उठा ले गई पूजा का प्रिय इन्दीवर।
  10. प्राप्त खबर के अनुसार टांगी थाना अन्तर्गत पाणीदुआर बड़साही के 34 साल के पाण्डव बेहेरा व बाबाजी बेहेरा राष्ट्रीय राजमार्ग के पास में रहने वाले एक ढाबे से खाना खाकर अपनी मोटरसाइकिल से मार्ग अतिक्रम करते समय बालीपदर में भुवनेश्वर की ओर जाने वाली पूजा एण्ड पूजा नामक एक यात्री बस मोटरसाइकिल आरोहियों को जबरन धक्का मार दिया।
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