अधिदैविक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मनुष्य के कर्म अर्थात गर्भधारणा के समय स्त्री-पुरूष से प्राप्त “ जेनीज ” का संयोग और उसकी आधिभौतिक तथा अधिदैविक परिस्थिति , इन कारणों से जो भोग हमें भोगने पडते हैं , तथा बिना किसी विशेष प्रयत्न के उनकी अनिवार्यता-सिर्फ इतना ही अर्थ प्रारब्ध ( भाग्य ) शब्द से अपेक्षित है।
- इस सृ्ष्टि क्रिया को जिस नियम ने धारण कर रखा है , जिस नियम से सृ्ष्टि का संचालन ओर विकास प्रकृ्ति कर रही है तथा जिस क्रिया से प्राणि क्रमश: उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर पहुँच सकता है तथा जिससे उसकी आध्यात्मिक ,अधिदैविक और अधिभौतिक उन्नति हो सकती है,चाहे वह कठिन साध्य ही क्यों न हो-वही धर्म है।
- इस सृ्ष्टि क्रिया को जिस नियम ने धारण कर रखा है , जिस नियम से सृ्ष्टि का संचालन ओर विकास प्रकृ्ति कर रही है तथा जिस क्रिया से प्राणि क्रमश: उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर पहुँच सकता है तथा जिससे उसकी आध्यात्मिक ,अधिदैविक और अधिभौतिक उन्नति हो सकती है,चाहे वह कठिन साध्य ही क्यों न हो-वही धर्म है।
- इस सृष्टि क्रिया को जिस नियम ने धारण कर रखा है जिस नियम से सृष्टि का संचालन और विकास प्रकृति कर रही है तथा जिस क्रिया से प्राणि क्रमश : उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच सकता है तथा जिससे उसकी अध्यात्मिक अधिदैविक और अधिभौतिक उन्नति हो सकती है , चाहे वह कठिन साध्य ही क्यों न हो …… वही धर्म है।
- जैसे प्रश्नोपनिषद में आता है की मनुष्य के अन्दर ७ २ करोड़ ७ २ लाख , १ ० हजार और १ नाडी है … ‘ करीब करीब या अबाउट ‘ वाला ज्ञान नही … ऐसे पूर्वजो की तुम संतान हो … ! तो ये अधिदैविक ज्ञान है … लेकिन जिन्हों ने ये ज्ञान पाया वो ऋषी मुनियों ने भी कहा की , जिस से ये अधिदैविक ज्ञान प्रकाशित होता वो ब्रम्हज्ञान ही सर्वोपरि है ..
- जैसे प्रश्नोपनिषद में आता है की मनुष्य के अन्दर ७ २ करोड़ ७ २ लाख , १ ० हजार और १ नाडी है … ‘ करीब करीब या अबाउट ‘ वाला ज्ञान नही … ऐसे पूर्वजो की तुम संतान हो … ! तो ये अधिदैविक ज्ञान है … लेकिन जिन्हों ने ये ज्ञान पाया वो ऋषी मुनियों ने भी कहा की , जिस से ये अधिदैविक ज्ञान प्रकाशित होता वो ब्रम्हज्ञान ही सर्वोपरि है ..