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अनवस्था का अर्थ

अनवस्था अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. उपर्युक्त तर्कलक्षक सूत्र की विश्वनाथवृत्ति में तर्क के आत्माश्रय , अन्योन्याश्रय, चक्रक, अनवस्था और इन चारों से पृथक् बाधितार्थप्रसंग, ये पाँच भेद बतला कर प्रत्येक का उदाहरण प्रदर्शित किया गया है।
  2. उपर्युक्त तर्कलक्षक सूत्र की विश्वनाथवृत्ति में तर्क के आत्माश्रय , अन्योन्याश्रय, चक्रक, अनवस्था और इन चारों से पृथक् बाधितार्थप्रसंग, ये पाँच भेद बतला कर प्रत्येक का उदाहरण प्रदर्शित किया गया है।
  3. पूर्ववर्चिंताकुछ लोगों का कहना है कि पूर्व और अपरत्व के मास्नने से अनवस्था दोष आजाता है; क्योंकि न तो पूर्व ही की और सीमा बाँधी जा सकती है और न अपरताकी ओर ही .
  4. तो इन चित्तों की संख्या की क्या सीमा होगी ? यदि चित्त संतति अनन्त स्थिति तक मानी जाती है , तो अन्तिम चित्त का ज्ञाता कौन होगा ? इसमें अतिप्रसंग जनित अनवस्था दोष स्पष्ट है ।
  5. तृतीय , ज्ञान कीयथार्थया का ज्ञान भी दूसरा ज्ञान है तथा इस ज्ञान की यथार्थता के लियेतीसरा ज्ञान चाहिये और इस प्रकार अनवस्था दोष आयगा; अथवा `यथार्थता 'पूर्व ज्ञान तथा उत्तर ज्ञान की स गति या` सम्वाद' बनकर `सम्वाद-सिद्धान्त 'में विलीन हो जायगी.
  6. " किंतु परतः उत्पाद कहने से अनवस्था दोषक्यों होगा? इसका कारण यह नहीं है कि यदि प्रत्येक वस्तु की उत्पत्ति अन्यसे मानी जाय तो फिर हम कहीं रुक नहीं पाएंगेः घट की उत्पत्ति कुम्हार औरमिट्टी से, कुम्हार और मिट्टी की अपने उत्पादकों से, उनकी अन्य उत्पादकोंसे.
  7. यदि आपको अन्य कोई प्रकाशित करता है , तो उस प्रकाशित करने वाले को कौन प्रकाशित करेगा और उस दूसरे प्रकाशित करने वाले को कौन प्रकाशित करेगा ? उसको भी अन्य करेगा और उसको भी अन्य प्रकाशित करेगा , ऐसा माना जय , तो अनवस्था होगी।
  8. इस तरह अनवस्था दोष होगा ? '' ' समाधान '' ' जितने प्रमाण होते हैं , वे सभी न तो एकान्त रूप से स्वत : प्रमाण होते और न परत : प्रमाण होते हैं उनमें कुछ स्वत : प्रमाण होते हैं और कुछ परत : ।
  9. किन्तु ऐसा मानने पर अनवस्था होगी . यदि कहें किउत्पाद अपना और पर का दोनों का उत्पाद करता है जैसे प्रकाश अपना और पर कादोनों का प्रकाश करता है, तो यह भी अयुक्त है, क्योंकि प्रकाश अपना या पर काकिसी का भी प्रकाश नहीं करता क्योंकि प्रकाश तमोनाश है.
  10. यह बात निर्विवाद सिद्ध है कि न्याय - पूर्वक प्राप्त की हुई किसी की सम्पत्ति को चुरा ले जाने या लूट लेने की स्वतंत्रता दूसरों को मिल जाए तो द्रव्य का संचय करना बंद हो जाएगा , समाज की रचना बिगड़ जाएगी , चारों तरफ अनवस्था हो जाएगी और सभी की हानि होगी।
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