अन्तर्ज्ञान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पंथ , मार्ग, विचार-सरणी, चिन्तन-धारा, अन्तर्चेतना, अन्तर्ज्ञान और अन्ततः धर्म के रूप में इस ‘दाएनम' से ‘दाएना', ‘दैन' और फिर ‘दीन' जैसा रूपान्तर हुआ ।
- अत : ज्ञान प्राप्ति के ये दोनों माध्यम रहे तथा मूल सत्य के निकट अन्तर्ज्ञान की अनुभूति से उपर्युक्त प्रश्नों का उत्तर खोजने का प्रयत्न हुआ।
- इसकी अन्तःप्रेरणाएँ , इसकेसत्य-दर्शन और अन्तर्ज्ञान, इसके स्वयंप्रकाश विवेक-ज्ञान उच्चतरविज्ञान-भूमिका से आनेवाले सन्देश होते है जो अवसर पाते ही हमारी चेतनाके निम्न स्तर में प्रविष्ट हो जाते हैं.
- यह आपके अन्तर्ज्ञान को बढा़ने की कोशिश करता है और धारक को यह दिखाने की कोशिश करता है कि क्या सच है और क्या काल्पनिक है .
- ‘ ध्यै ' से बने ‘ ध्यानम् ' में इन्हीं सब भावों के समावेश से जो अर्थ उभरता है , वह है दिव्य अन्तर्ज्ञान या अन्तर्विवेक ।
- यदि बुद्धि अपने अनुमानों के आधार पर इसमहत्तर ज्योति का विरोध करे , तो अन्त में विशालतर ज्ञान प्राप्त होने परयह पता लगेगा कि अन्तर्ज्ञान का निष्कर्ष भ्रांतिपूर्ण था.
- दूसरा और अधिक महत्वपूर्ण माध्यम अन्तर्ज्ञान माना गया , जिसमें शरीर को प्रयोगशाला बना समस्त विचार, भावना, इच्छा इनमें स्पन्दन शांत होने पर सत्य अपने को उद्घाटित करता है।
- नैपच्यून के प्रतिगामी होने का आप पर क्या प्रभाव होगा ? आप देखेंगे कि आपका अन्तर्ज्ञान जिसे कि छटी इन्द्री भी कहा जाता है , बहुत तेज दौड़गी।
- उदाहरणार्थ , हम पशुओं में सहज-~ प्रेरणा कीक्रिया देखते हैं-- वह उस प्राणिक या ऐन्द्रिय मन में उत्पन्न यान्त्रकि सा अन्तर्ज्ञान होती है जो पशु का सबसे ऊंचा औरअचुक साधन है.
- साधक बढा हुआ अन्तर्ज्ञान , भौतिक जगत के बाहर अस्तित्व के विभिन्न स्तरों को अनुभव करना, अनिश्चित काल तक का भूत व भविष्य देख सकने की क्षमता आदि प्राप्त कर सकता है।