अपभ्रंश भाषा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- नवलगढ़ तहसील में स्थित इस तीर्थ ' लोहार्गल जी ' को स्थानीय अपभ्रंश भाषा में लुहागरजी कहा जाता है।
- प्राकृत और अपभ्रंश भाषा को आत्मसात् कर मराठी ने 12वीं शती से अपना अलग अस्तित्व स्थापित करना शुरू किया।
- पुष्पदंत अपभ्रंश भाषा के महाकवि थे जिनकी तीन रचनाएँ प्रकाश में आ चुकी हैं- ' महापुराण', 'जसहरचरित' (यशोधरचरित) और 'णायकुमारचरिअ' (नागकुमारचरित)।
- पुष्पदंत अपभ्रंश भाषा के महाकवि थे जिनकी तीन रचनाएँ प्रकाश में आ चुकी हैं- ' महापुराण', 'जसहरचरित' (यशोधरचरित) और 'णायकुमारचरिअ' (नागकुमारचरित)।
- बहुत दिनों तक इन्हीं पुस्तकों में प्राप्त बिखरी हुई सामग्री से अपभ्रंश भाषा और साहित्य का मर्म समझा जाता रहा।
- यह कथ्य ( बोलचाल की) शौरसेनी अपभ्रंश भाषा ही कालांतर में कदाचित् खड़ी बोली (हिंदी) के रूप में पारिणत हुई है।
- यह कथ्य ( बोलचाल की) शौरसेनी अपभ्रंश भाषा ही कालांतर में कदाचित् खड़ी बोली (हिंदी) के रूप में पारिणत हुई है।
- इसी समय आचार्य हेमचंद्र ने अपभ्रंश का विस्तृत और सोदाहरण व्याकरण लिखकर अपभ्रंश भाषा के गौरवपूर्ण पद की प्रतिष्ठा कर दी।
- अपभ्रंश भाषा का ढाँचा लगभग वही है जिसका विवरण हेमचंद्र के सिद्धहेमशबदानुशासनम् के आठवें अध्याय के चतुर्थ पाद में मिलता है।
- श्रीयुत् डॉक्टर सुनीति कुमार चटर्जी महोदय इस अपभ्रंश भाषा के विषय में क्या कहते हैं , उसे भी सुनिए 1 &