अपरा विद्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अपरा विद्या अथवा शब्द ब्राह् में अव्यय , अक्षर और क्षर पुरूष को ही स्फोट , अक्षर और वर्ण कहा है।
- भारत में परा विद्या और अपरा विद्या में भेद किया गया है और दोनों में प्रथम को ऊँचा पद दिया है।
- भारत में परा विद्या और अपरा विद्या में भेद किया गया है और दोनों में प्रथम को ऊँचा पद दिया है।
- विद्या के दो रूप कहे गए हैं - अपरा विद्या , जो निम्न केटि की विद्या मानी गई है, सगुण ज्ञान से संबंध रखती है।
- विद्या के दो रूप कहे गए हैं - अपरा विद्या , जो निम्न केटि की विद्या मानी गई है, सगुण ज्ञान से संबंध रखती है।
- अत : उपनिषदों का स्पष्ट मंतव्य है कि अपरा विद्या का अभ्यास करना चाहिए जिससे इसी जन्म में, इसी शरीर से आत्मा का साक्षात्कार हो जाए (केन 2/23)।
- उपनिषदों ने इन सबका वर्गीकरण दो वर्गों में किया है ' ' अपरा विद्या और परा विद्या '' पहले में शिक्षा और कला की समस्त विधाओं का समावेश है ।
- उपनिषदों ने इन सबका वर्गीकरण दो वर्गों में किया है ' ' अपरा विद्या और परा विद्या '' पहले में शिक्षा और कला की समस्त विधाओं का समावेश है ।
- उपनिषदों ने इन सबका वर्गीकरण दो वर्गों में किया है ' ' अपरा विद्या और परा विद्या '' पहले में शिक्षा और कला की समस्त विधाओं का समावेश है ।
- इन सूत्रों को उचित ढंग से समाविष्ट करने पर जीवन का प्रत्येक कार्य आत्मोन्नति का साधन बनता है और अपरा विद्या भी परा विद्या का स्वरूप प्राप्त करती है ।