अपानवायु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पंडित , संयम , वेग , अपानवायु इन सब शब्दों को एक साथ रखें तो एक बनाबनाया खांचा दिखने लगता है .
- नींद में नर तन रूप नगर में जागृत रहते हैं पंच -प्राण अपानवायु ही गार्हपत्य है दक्षिणाग्नि है वायु व्यान । ”
- दसवाँ प्रयोगः वायु के प्रकोप के कारण पेट के फूलने एवं अपानवायु के न निकलने के कारण पेट का तनाव बढ़ जाता है।
- अगर योग साधना के लिये कहा जाये कि ‘ प्राणवायु तथा अपानवायु को सम रखना ही योग है ' तो भी पर्याप्तं है।
- आगे उन्होंने कहा कि अगर अपानवायु छूट जाय तो वजू टूट जाता है और उसके बाद फिर से ये उपर बताई गई विधि अपनानी होगी . .
- बार-बार गुदा मार्ग से अपानवायु उत्सर्जित होना , पेट से बदबूदार गैस निकालना , डकारें अधिक लेना तथा पेट में गुड़गुड़ाहट होना , इसके मुख्य लक्षण हैं।
- ' गीता ' में श्रीकृष्ण प्राणायाम रूपी यज्ञ की महिमा का वर्णन करते हुए कहते हैं कि जैसे- कुछ योगीजन अपानवायु में प्राणवायु का हवन करते हैं।
- मैं- कैसे ? सिकुड़ी टांगों, पिचके पुट्ठों, अवसाद-विशाद से भरे लोगों की अपानवायु, शौचालय की बदबू, उबकाईयों के साथ, वहां तो उल्टी करने की जगह भी नहीं थी?
- १ . सगर्भावस्था में गर्भिणी अपानवायु, मल, मूत्र, डकार, छींक, प्यास, भूख, निद्रा,खांसी, थकान की श्वास, जम्हाई, अश्रु आदि आयुर्वेद में बताए गए १३ वेगों को न रोके |
- जो कुछ हम खाते हैं उसको पचाना और जो व्यर्थ है उसे मल - मूत्र के रूप में बाहर निकलना ; यह कार्य अपानवायु से संचालित होते हैं।