अपान वायु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- रदेश का यत्नपूर्वक संपीडन करते हुए अपान वायु की बलपूर्वक धीरे-धीरे ऊपर की ओर खींचना चाहिए।
- अपान वायु का प्रवाह नाभि से नीचे की ओर होता है और वस्ति इसका निवास स्थल है।
- तब क्या वह ऐसे जीव नहीं बना सकता जो अपान वायु में ' प्रांण ' पाएं ?
- जब तक अपान वायु ऊपर ना उठे , कुण्डलिनी को धक्का ना दे तब तक ऊपर नहीं उठेगी.
- चटनी खाते ही शरीर में बनने वाली गैस भी अपान वायु के रूप में छूटने लगती है।
- अर्थः- युक्त ( उचित ) आसन लगा कर मूल वायु अर्थात अपान वायु को प्राण वायु में मिलावे।
- अपान वायु मुद्रा के लाभ : हृदय रोगियों के लिए यह मुद्रा बहुत ही लाभदायक बताई गई है।
- एड़ी से मध्यप्रदेश का यत्नपूर्वक संपीडन करते हुए अपान वायु की बलपूर्वक धीरे-धीरे ऊपर की ओर खींचना चाहिए।
- यह अपान वायु का स्थान है तथा मल , मूत्र , वीर्य आदि इसी के अधीन है .
- चना गैस नहीं करता , शरीर में विषाक्त वायु हो तो अपान वायु के रूप में बाहर निकाल देता है।