अप्राकृत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जिस सुंदरता से जानकीजी का दिव्यातिदिव्य परम दिव्य विग्रह बना है , वह सुंदरता उपर्युक्त सुंदरता से भिन्न अप्राकृत है- वस्तुतः लक्ष्मीजी का अप्राकृत रूप भी यही है।
- कथानक देव दानव , अतिप्राकृत और अप्राकृत घटनाओं से भी निर्मित होते हैं किंतु उनका उक्त निर्माण परंपरा द्वारा स्वीकृत विधान तथा अभिप्रायों के अनुसार ही होता है।
- जिस सुंदरता से जानकीजी का दिव्यातिदिव्य परम दिव्य विग्रह बना है , वह सुंदरता उपर्युक्त सुंदरता से भिन्न अप्राकृत है- वस्तुतः लक्ष्मीजी का अप्राकृत रूप भी यही है।
- जिस सुंदरता से जानकीजी का दिव्यातिदिव्य परम दिव्य विग्रह बना है , वह सुंदरता उपर्युक्त सुंदरता से भिन्न अप्राकृत है- वस्तुतः लक्ष्मीजी का अप्राकृत रूप भी यही है।
- नायक थे सच्चिदानंद विग्रह परात्पर परिपूर्णतम् स्वाधीन स्वेच्छा चारी ब्रज नंदन श्रीकृष्ण और नायिका थी स्वयं आल्ह्यादिनी शक्ति रूपा राधा और उनकी कायव्यूह रूपा गोपियाँ ! , यह अप्राकृत लीला है !
- भगवान निर्दोष और अप्राकृत अनन्त गुण वाले है , अतएव अपने स्पर्श से उसे गुणमयी और तत्तादृश आकृतिवाली बना देते है,भगवान के स्पर्श से ही वह बुनमयी हुयी और अब वह जगत की प्रक्रुति (अवानतरमूल)
- ( काव्य की उपमाएँ सब त्रिगुणात्मक, मायिक जगत से ली गई हैं, उन्हें भगवान की स्वरूपा शक्ति श्री जानकीजी के अप्राकृत, चिन्मय अंगों के लिए प्रयुक्त करना उनका अपमान करना और अपने को उपहासास्पद बनाना है)॥1॥
- अत : उनके कलाकर्म की शुरुआत बड़े बौद्धिक जगत में न होकर दादी-नानी की कहानियों , मिथ व श्रुत साहित्य से शुरू कर और फिर दुनिया को गुन-पढ़ कर उन्होंने अप्राकृत रूपों की पूरी दुनिया रची।
- रोज़ नहीं चहकती इतने सुर में चिड़ियाँ , या शायद हमें ही नहीं हो पाती सुरों की पहचान अप्राकृत आवाज़ों के शोर में ! वरना , प्रकृति में सुर-संगीत का दौर तो अहर्निश चलता रहता है !
- उन्हें पढ़ने वाला राधा कृष्ण के सम्बन्ध में कभी भी दोष युक्त द्रष्टि का शिकार नहीं हो सक ता , वास्तव में रास लीला अप्राकृत लीला थी , जहाँप्रत्येक वस्तुऔर तत्व अप्राकृत जहाँ भौतिक म्लान काम आदि का स्पर्श भी नहीं है !