अभिनवगुप्त का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अभिनवगुप्त इस स्थिति को योगियों की समाधिस्थिति के समान मानते हैं।
- आचार्य अभिनवगुप्त के मत के उद्धरण से निम्नलिखित तथ्य सामने आते हैँ-
- इन्होंने आचार्य अभिनवगुप्त को अपना साहित्यशास्त्र या गुरू कहा है : -
- कुलपति मिश्र के उपर्युक्त लक्षण पर अभिनवगुप्त के मत की छाया है।
- अभिनवगुप्त ने तो उत्साह को शान्त रस का भी स्थायी माना है।
- आचार्य अभिनवगुप्त ने इसे अव्युत्पन्न ( अनगढ़ , ग्राम्य ) जनभाषा कहा है।
- इससे पता चलता है कि आचार्य भट्टनायक आचार्य अभिनवगुप्त के पहले हुए हैं।
- तथापि जयरथ आ0 अभिनवगुप्त के प्रक्रिया ग्रन्थ रचनारूप उद्देश्य की सूचना से परिपूर्ण हैं।
- इनके पुत्र तथा शिष्य लक्ष्मणपुत्र अभिनवगुप्त के प्रत्यभिज्ञा तथा क्रमदर्शन के महामहिम गुरु थे।
- ईश्वरप्रत्याभिज्ञविमर्शिनी ( गूगल पुस्तक ; रचयिता - अभिनवगुप्त ; व्याख्याता : के ए सुब्रमनिया अय्यर)