अमरलोक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कबीर की कविता सपना देखती है , ऐसे अमरलोक का , जिसमें मनुष्य की मनुष्यता ही महत्वपूर्ण है।
- आपके बल प्रताप से ही हँस जीव ( मनुष्य ) अपने वास्तविक घर अमरलोक को जाते हैं ।
- निहितार्थ के मायने यह है कि कालपुरुष ने सभी आत्माओं को अमरलोक से इस लोक के लिये बुलाया ।
- मुक्त होकर अमर हुये लोग कहाँ रहते हैं ? आप मुझे अमरलोक और अन्य दीपों का वर्णन सुनाओ ।
- ईश्वर आप को अच्छा स्वास्थ्य दे और आप हमेशा उर्जावान बने रहे और हमारी अमरलोक कि कल्पना साकार हो .
- इस प्रकार वेदेह स्थित में इस सार शब्द का सुमरन हँस साधक को सहज ही अमरलोक सत्यलोक पहुँचा देता है ।
- अपनी उर्जा को निर्माण में लगाइए और वास्तव में अगर आप चाहते हैं तो विश्वामित्र बन कर एक नया अमरलोक बनाइये .
- कबीर ने इस वैश्या को तारकर अमरलोक पहुँचाया था और तरने वालों में यह गणिका के नाम से प्रसिद्ध है .
- वह सत्यनाम साधना के बल पर अपने असली घर अमरलोक ( या सत्यलोक एक ही बात है ) चला जाता है ।
- कबीर के अमरलोक की एक विशेषता यह भी है कि “ धरम करम कछु नाहीं उंहंवा , ना उहां वेद विचारा ” ।