अमावास्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अपने मासिक चक्रमण के दौरान चंद्रमा इन दो बिंदुओं से गुजरता है , क्रमशः अमावास्या के दिन ‘ क ' से और पौर्णमासी को ‘ ख ' से ।
- वह श्राद्ध नित्य कहलाता है , जिसके लिए ऐसी व्यवस्था दी हुई हो कि वह किसी निश्चित अवसर पर किया जाए (यथा-आह्विक, अमावास्या के दिन वाला या अष्टका के दिन वाला)।
- सामान्य नियम यह है कि श्राद्ध अपरान्ह्न में किया जाता है ( किन्तु यह नियम अमावास्या , महालय , अष्टका एवं अन्वष्टका के श्राद्धों के लिए प्रयुक्त होता है )
- इस दौरान छह प्रमुख स्नानपर्व होते हैं इसके तहत पौष पूर्णिमा , मकर संक्रान्ति , मौनी अमावास्या , बसंत पंचमी , माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के स्नानपर्व प्रमुख हैं .
- हरियाली अमावस्या पर मेला जंगल में मंगल का सुकून पाने उमडेंगे शहरवासी बांसवाडा , 31 जुलाई/ हरियाली अमावास्या पर एक अगस्त, शुक्रवार को बांसवाडा शहर से सटे श्यामपुरा वन क्षेत्र में मेला भरेगा।
- जो लोग श्रौताग्नि नहीं रखते थे , उन्हें अमावास्या के दिन गृह्यग्नियों में पिण्डान्वाहार्यक ( या केवल अन्वाहार्य ) नामक श्राद्ध करना होता था और उन्हें स्मार्त अग्नि में पिण्डपितृयज्ञ भी करना पड़ता था।
- उपर्युक्त विवेचन यह स्थापित करता है कि अमावास्या वाला मासि-श्राद्ध प्रकृति श्राद्ध है , जिसकी अष्टका एवं अन्य श्राद्ध कुछ संशोधनों के साथ विकृति (प्रतिकृति) मात्र हैं, यद्यपि कहीं-कहीं कुछ उल्टी बातें भी पायी जाती हैं।
- मनु [ 249 ] का कथन है - ' पितृयज्ञ ( अर्थात् पिण्डपितृयज्ञ ) के सम्पादन के उपरान्त वह ब्राह्मण जो अग्निहोत्री अर्थात् आहिताग्नि है , प्रति मास उसे अमावास्या के दिन पिण्डान्वाहार्यक श्राद्ध करना चाहिए।
- ग्रहण में , विषुव संक्रांति [ मेषार्क तथा तुलार्क ] के दिन कर्क-संक्रांति और मकर-संक्रांति , अमावास्या , पूर्णिमा एवं पूर्णा तिथि को रुद्राक्ष धारण करने से सद्य : सम्पूर्ण पापों से निवृत्ति हो जाति है !
- ग्रहण में , विषुव संक्रांति [ मेषार्क तथा तुलार्क ] के दिन कर्क-संक्रांति और मकर-संक्रांति , अमावास्या , पूर्णिमा एवं पूर्णा तिथि को रुद्राक्ष धारण करने से सद्य : सम्पूर्ण पापों से निवृत्ति हो जाति है !