अवास्तविकता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- “ हम अपने धन , अपनी साक्षरता , अपनी टैक्नोलोजी और अपनी तरक्की को खर्च कर चुकने के बाद अवास्तविकता के ऐसे झुरमुट बना चुके हैं जो हमारे और जीवन के तथ्यों के दरम्यान खड़े हैं ...
- वस्तुतः मूल्यों को अवास्तविकता के कारण ही भ्रम कहा जा सकता है , यथा स्वर्णपक्षी प्रणय आदि के अनुभवों में भ्रम बोध होता है , किन्तु जो मूल्य वास्तविकता से सम्बद्ध है उन्हें भ्रम नहीं कहा जा सकता है और नागार्जुन के मूल्य वास्तविकता के परिवर्तन से सम्बन्धित हैं।
- इन नाटकीय कार्यों से उसे एक खास किस्म की संतुष्टि मिली जैसी उसने पहले कभी नहीं जानी थी ; लेकिन आख़िरी वार्तालाप के बोल चुके और मंच से आख़िरी मृतक को हटा लिए जाने के बाद अवास्तविकता का वह स्वाद उस तक लौट आता था जिससे उसे नफरत थी .
- पाश्चात्य विज्ञान ने इस बात का पता लिया कि अणुशक्ति पदार्थ जगत में अवास्तविकता का ‘ जादूÓ व्याप्त है , परंतु केवल प्रकृति ही नहीं बल्कि मनुष्य अपने मत्र्य रूप में भी माया के या सापेक्षता सिद्धांत के परस्पर विरोधाभास के द्वैत के उपक्रम के परस्पर विरोधी अवस्थाओं के अधीन है।
- सामने कोई कहे भले ही नहीं , पर इस तथ्य को थोड़ा-सा पर्यवेक्षण करने पर सरलतापूर्वक चरितार्थ होते देखा जा सकता है कि प्रमुखता सिद्ध करने के लिए चित्र-विचित्र स्वांग बनाने वाले , नाटक में मुखौटे-परिधान पहनकर कभी राजा , कभी ऋषि बनने वालों की तरह अपनी अवास्तविकता का ढिंढोरा स्वयं पीटते फिरते हैं ।
- सामने कोई कहे भले ही नहीं , पर इस तथ्य के थोड़ा - सा पर्यवेक्षण करने पर सरलतापूर्वक चरितार्थ होते देखा जा सकता है कि प्रमुखता सिद्ध करने के लिए चित्र - विचित्र स्वांग बनाने वोल नाटक में मुखौटे , परिधान पहन कर कभी राजा , कभी ऋषि बनने वाले की तरह अपनी अवास्तविकता का ढिंढोरा स्वयं ही पीटते फिरते हैं।
- उनका हर प्रयास , उपनिवेशित जाति को उसकी संस्कृति के हीनताबोध से ग्रस्त करता है जोकि आगे चलकर आचार -व्यवहार के स्वतःस्फूर्त ढाँचे में रूपांतरित होने लग जाता है , अपने ‘ राष्ट्र ' को एक अवास्तविकता के रूप में पहचानने को प्रेरित करता है और आत्यंतिक रूप से खुद की जैविकता के प्रति , भ्रम और कुंठा के एहसास से भरता रहता है .
- इसके बावजूद , फ़ोटोग्राफ़ी ने वास्तव में कलाकारों को, यथार्थ का अनुकरण करने के लिए फ़ोटोग्राफ़ी के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय, अलग कलात्मक अभिव्यक्ति के साधन तलाशने के लिए प्रेरित किया और कलाकारों ने अपना ध्यान “उस एक चीज़ पर केंद्रित किया जो अनिवार्यतः वे फ़ोटोग्राफ़ से बेहतर कर सकते थे - यानी छवि की संकल्पना की मूल अवास्तविकता को, जिसे फ़ोटोग्राफ़ी ने हटाया था, कला रूप में और विकसित करना”.