अशौच का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उपवास 46 . शौच - अस्पृश्यता ओैर अशौच का आधार 47 .
- हमारे धर्माचार्यो ने जन्म के दस दिन तक अशौच ( सूतक) माना है।
- मुख्यतयाः अस्वच्छता अशौच स्थिति वाले स्थान इनके नियम में आते हैं ।
- जनक-जननी की मृत्यु का अशौच हमें त्रस्त कर पाएगा , न पुत्रों के सिर
- इनमें मरणाशौच में तो दोनों ही प्रकार का अशौच साधारणतया माना जाता है।
- कभी-कभी ऐसा होता है कि दो-तीन अशौच एक साथ आगे-पीछे पड़ जाते हैं।
- इसी तरह जन्म संबंधी सभी अशौच परस्पर सजातीय हैं और मरण संबंधी भी।
- परन्तु निर्णय सिन्धु आदि ग्रन्थों में यह सिद्ध किया हैं कि अशौच काल में
- जन्माष्टमीपर किए गए उपवाससे , स्त्रियोंपर माहवारी, अशौच व स्पर्शास्पर्शका प्रभाव कम होता है ।
- उनके मत से अशौच में स्नान , दान , श्राद्ध एवं प्रायश्चित्त करना चाहिए।