अष्टादश का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अष्टादश पुराणएशु व्यासस्य वचनं द्वयं , परोपकारः पुण्याः , पापाय परपीडनम् ” ...
- * अष्टादश परिवर्त में जलवाहन द्वारा मत्स्यों को बौद्धधर्म में प्रवेश कराने के चर्चा है।
- व्यास जी ने संसार को धर्म ज्ञान देने के लिए अष्टादश पुराणों की रचना की।
- जब हम अष्टादश वर्ष यावत तपोनिरत थे तो तपोम्लान हमारे मुख पर कोई बाँसुरी रख गया।
- हरप्रसाद शास्त्री ने अष्टादश आगम की प्रति नेपाल में देखी थी जिसका लिपिकाल 624 ई0 में था।
- तृतीय संगीति के विरुद्ध इस संगीति में सभी अष्टादश निकायों की प्रामाणिकता का स्वीकार बताया गया है।
- यह ग्रन्थ उत्तर-प्रदेश संस्कृत सस्थान , लखनऊ से संस्कृत वाङ्मय का बृहद् इतिहास, अष्टादश खण्ड के अन्तर्गत प्रकाश्यमान है।
- संस्कृत में 10 से 19 तक की संख्याएं क्रमशः दश , एकादश, द्वादश, … अष्टादश, एकोनविंशति लिखे जाते हैं ।
- पाशुपत संप्रदाय के आचार्य अष्टादश रूद्रागमों का प्रामाणाश्य मानते थे , परंतु दश शिव ज्ञान का प्रामाणाय नहीं मानते थे ।
- * ' अष्टादश ' इस नाम से यह प्रकट होता है कि इस ग्रन्थ में अठारह अध्याय या परिच्छेद हैं।